पत्नी से बचाने के जुगाड़ में आप अपनी सम्पत्ति को खो न बैठें।
शैल ने अहमदाबाद, गुजरात से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिताजी 65 वर्ष के हैं, उन्हों ने अपनी कमाई से दो घर बनाए थे जो मेरी मम्मी के नाम हैं। अभी 15 दिन पहले मेरी मम्मी का हार्ट अटैक से देहान्त हो गया है। मैं ने अपनी पत्नी के विरुद्ध 2013 में विवाह विच्छेद का मुकदमा डाला हुआ है जो अभी लंबित है। क्या मेरी पत्नी उन दो मकानों में कोई हिस्सा मांग सकती है। क्या हम दो भाई और बहन उन दो मकानों को अपने पिता के नाम कर सकते हैं जिस से मेरी पत्नी उन में से हिस्सा न मांग सके?
समाधान–
आप की माता जी के के देहान्त के बाद उत्तराधिकार के अनुसार उन के नाम के दो मकानों पर आप दोनों भाई, बहन और पिताजी का स्वामित्व स्थापित हो चुका है। अब उक्त मकानों में आप चारों का एक एक हिस्सा है अर्थात आप का हिस्सा एक चौथाई है। आप दोनों भाई और बहन चाहें तो एक रिलीज डीड निष्पादित कर अपने हिस्से पिताजी के नाम रिलीज कर सकते हैं। इस से संपूर्ण संपत्ति आप के पिताजी के स्वामित्व की हो जाएगी। आप के पिताजी के जीवनकाल के उपरान्त उक्त संपत्ति आप को उत्तराधिकार में प्राप्त होगी। तब तीनों का व्यक्तिगत हिस्सा एक तिहाई के बराबर होगा।
वर्तमान में जो कानून है उस के अनुसार विवाह विच्छेद के समय पत्नी अपने लिए स्थाई भरण पोषण के लिए एक मुश्त राशि निर्धारित करवा सकती है या वह चाहे तो जब तक दूसरा विवाह न करे तब तक निरन्तर भरण पोषण प्राप्त करती रह सकती है। इन दोनों का निर्धारण पत्नी और पति की आर्थिक सामाजिक हैसियत के अनुसार हो सकता है। यह हैसियत आप की निरन्तर आय और संपत्ति को देख कर निर्धारित की जा सकती है। लेकिन पत्नी को पति की संपत्ति में हिस्सा मांगने का कोई अधिकार नहीं है। हाँ यह प्रस्तावित कानून जरूर है, जो कब संसद पारित करेगी और कब अस्तित्व में आएगा कहा नहीं जा सकता।
यह आप को स्वयं निर्धारण करना होगा कि आप अपना ¼ हिस्सा पिता के नाम या किसी अन्य सह स्वामी अर्थात आप के भाई या बहिन के नाम हस्तान्तरित करना चाहते हैं या नहीं। यदि केवल आप अपना हिस्सा पिता के नाम हस्तान्तरित करेंगे तो उन के देहान्त के समय पिताजी के पास चार में से दो हिस्से अर्थात आधी संपत्ति होगी। आपको अपने पिता से इस आधी संपत्ति का एक तिहाई अर्थात कुल का 1-6 हिस्सा प्राप्त होगा और भाई बहनों को भी। उन के पास का एक चौथाई पहले का मिला कर 5/12 प्रत्येक के पास हो जाएगा।
आप यह सब हिसाब ठीक से लगा लें और फिर निर्णय करें कि आप को क्या करना है। कहीं ऐसा न हो कि आप को जो ¼ हिस्सा अभी मिला है आप उसे पत्नी से बचाने का उपाय करने की जुगाड़ में उस से भी वंचित हो जाएँ।