पत्नी से बात कर के निर्णय करें कि आप को आगे क्या करना चाहिए।
|राज ने उज्जैन, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैं उज्जैन में एक प्राइवेट जॉब करता हूँ। मेरी सगाई 24 जून 2012 को हुई थी और शादी 30-11-2012 को। इस बीच मेरी पत्नी से मेरी बातचीत होती थी, अच्छी तरह से। हम घूमते फिरते बातें करते थे। मेरी पत्नी की शादी के पहले से ही सरकारी अस्पताल में जॉब थी। शादी के पहले मुझे मेरी पत्नी ने बताया था कि उसकी माँ उसे परेशान करती है, खाने को नहीं देती, मारती ओर जॉब की सैलेरी भी रख लेती है। 30-11-2012 को शादी होने के बाद मेरी पत्नी का मेरे घर आना-जाना चलता रहता था क्यों कि जॉब का ट्रांसफर नहीं हुआ था। इसी बीच मेरी पत्नी छुट्टी में मिलने मेरे घर आई थी तो मेरी सास ओर साले ने मेरी पत्नी को फोन पे अपशब्द कहे। मैं ने इसका विरोध किया तो मेरी सास ओर साले को बुरा लगा और उन्हों ने मुझे अप शब्द कहे कि हम तो तुम्हारे डीओर्स करा देंगेष फिर मैं ओर मेरे घर के लोग मेरे सुसराल वालों से मिल के मसले का हाल निकाला और अच्छे से रहने लगे। छह माह बाद मेरी पत्नी का ट्रांसफर खरणों से उज्जैन के सरकारी अस्पताल में हो गया। फिर हम हंसी ख़ुशी से रह रहे थे। 25-12-2013 को मेरी पत्नी परीक्षा की बोल के उस की माँ के यहाँ गई। मेरे साढू भाई ओर उसकी पत्नी के साथ जो कि उज्जैन में ही मेरे घर के पास में रहते हैं। दो दिन बाद मैं ने फ़ोन किया तो मेरी पत्नी कॉल नहीं उठा रही थी। फिर मुझे कॉल ट्रैक से पता चला कि मेरी पत्नी शिरडी महाराष्ट्र घूमने गयी। ये बात 3 दिन बाद मैं ने पूछी तो मुझे मना कर दिया और जूठ बोला कि मैं कहीं नहीं गई। मैं ने इस बात पे उसे फोन पर डाँटा और कहा कि झूठ बोलने वालों की मेरे जिंदगी मे कोई जगह नहीं है, मत आना मेरे घर। फिर भी वह उज्जैन आ गई ओर उसके जीजा ओर बड़ी बहन के घर रहने लगी। तो मुझे ये अच्छा नहीं लगा तो मेरे घर के लोगो ने मुझे ओर मेरी पत्नी को समझाया और वापस घर आ गयी। फिर अच्छे से रहने लगे। 10 जुलाइ 2014 को मेरी पत्नी उसके जीजा के घर पर रहने लगी। ये बात मैं ने पूछी तो बोले की तुम्हारा किसी लड़की से चक्कर चल रहा है। ये बात बोल के 17 जुलाई को मेरे घर पर आ कर मेरी सास साले और साढू भाई ने गाली गलौच की और मारने की धमकी दी और उसके बाद मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट की। मैं ने दूसरी शादी कर ली है। एसी महिला परामर्श केंद्र में रिपोर्ट दर्ज़ करा दी। वहाँ साबित हुआ कि मेरे किसी लड़की से कोई चक्कर नहीं है, ना ही दूसरी शादी की है। फिर वहाँ मेरी पत्नी ने मेरे साथ अलग रहने की डिमांड रखी। सास ससुर के साथ नहीं रहना। फिर हम अलग रहने लगे अच्छे से। 2 महीने बाद नवरात्र में 28-9-14 को लड़कों के साथ गरवा खेलने को मना करने पर हम पति पत्नी के बीच विवाद हो गया। जिस के चलते दूसरे दिन 29-9-14 को जहाँ हम लोग रहा रहे थे। वहाँ मेरे ससुराल वाले आ कर मेरा सामान रूम से बाहर फैंक दिया और मुझे मारा। इस की रिपोर्ट मैं ने थाने में कर दी। ये बात मालूम होते ही मेरे ससुराल वालों ने 3 दिन बाद 1-10-14 को मेरे ओर मेरी माँ के खिलाफ 498 की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। उसके एक माह बाद मैं ने धारा 9 का आवेदन लगा दिया साथ रहने के लिए। पर वह तारीख पर अभी तक नहीं आ रही है। और 01-10-14 से आज दिनांक 19-5-15 तक मेरी पत्नी हम मिलते जुलते हैं। मैं ने पूछा कि एसी रिपोर्ट क्यों की तो उस ने कहा कि मेरे घर के लोग नहीं चाहते तुम्हें रखना। और मैं कुछ नही कर सकती क्यों कि पत्नी ने 498 में गवाह में उसके जीजा बहन, माँ और उसके दोस्त का नाम लिखा है और मै मेरी पत्नी के साथ जहाँ भी घूमता हूँ वहाँ के फोटो ओर रिकॉर्डिंग है मेरे पास। ये सब बात मैं ने मेरी सास ओर साले को समझाने की कोशिश की पर वो नहीं मान रहे हैं ओर मेरा साढू भाई मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा देता है थाने में और साबित होने पर कुछ नहीं निकलता और जान से मारने की धमकी देता है कि डाइवोर्स दे दो वरना मार डालूंगा। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप लगातार पत्नी से मिल रहे हैं। उस के परिजन उसे आप से अलग करना चाहते हैं। वह फिर भी आप से मिलती जुलती है। आप के पास दो विकल्प हैं पत्नी के साथ रहने का और उस से विवाह विच्छेद कर देने का। इस का अर्थ यह है कि असली विरोध तो आप की पत्नी के अंदर है। आप पत्नी को समझाएँ कि दोनों में से एक ही बात निभ सकती है। या तो वह अपने परिवार की बात मान ले या फिर उन से सारे संबंध तोड़ कर आप के साथ हो जाए। यदि वह अपने परिवार की कीमत पर आप के साथ रहना चाहती है तो आप दोनों का साथ निभ सकता है अन्यथा नहीं। इस कारण जब तक वह अन्तिम निर्णय ले कर आप को न बता दे आप को वर्तमान स्थिति से आगे नहीं बढ़ना चाहिए। हो सकता है आप की पत्नी आप से प्रेम करती हो और आप की सास व रिश्तेदारों में से किसी ने आप का अहित करने के लिए उसे धमकाया हो और वह आप को नहीं बता रही हो। यदि ऐसा है तो आप को यह बात भी अपनी पत्नी से उगलवानी पड़ेगी जिस से वस्तुस्थिति का पता चल सके। आप की पत्नी नौकरी करती है आत्मनिर्भर है। हो सकता है उस के परिजन ये समझते हों कि यदि वह आप के प्रभाव में आ गयी तो उन की उपेक्षा करने लगेगी।
आप अनन्त काल तक इस बात का इन्तजार नहीं कर सकते कि आप की पत्नी कोई निर्णय करे। इस के लिए उसे एक उचित समय भी दीजिए जिस में वह अपना अन्तिम निर्णय आप को बता दे। यदि वह आप के साथ रहना चाहती है तो धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम वाले मुकदमे में न्यायालय में उपस्थित हो और बयान दे कि वह आप के साथ रहना चाहती है और उसी समय आप के साथ जाना चाहती है। लेकिन उस के परिजन इस में बाधा डालते हैं। उन से सुरक्षा प्रदान कराई जाए। इस बयान पर न्यायालय आप की पत्नी को अदालत से ही आप के साथ जाने को कह सकता है और आप अदालत की आदेशिका में यह सबह बातें आ जाने के बाद अपनी पत्नी को साथ ला कर रह सकते हैं। यदि फिर भी आप की पत्नी के परिजन आप के निजी जीवन को बाधित करते हैं तो आप अपनी पत्नी के साथ संयुक्त रिट याचिका उच्च न्यायालय में लगाएँ कि आप दोनों विवाहित हैं और आप की पत्नी की माँ व कुछ संबंधी आप को साथ रहने नहीं देना चाहते इस के लिए आप दोनों को सुरक्षा प्रदान की जाए। लेकिन यह सब तभी संभव है जब आप अपनी पत्नी को इस के लिए तैयार कर लें। यदि आप की पत्नी एक उचित समय में यह सब करने को तैयार नहीं है तो आप उसे कह सकते हैं कि इस से अच्छा है आप दोनों सहमति से विवाह विच्छेद कर लें। दोनों में से एक बात उसे माननी होगी। यदि वह इस के लिए मानती है तो फिर विवाह विच्छेद करना ही बेहतर है।