पिता के सभी उत्तराधिकारी माँ के नाम रिलीज डीड कराएँ।
|राघवेन्द्र दीक्षित ने शान्ति नगर, गियासपुरा, लुधियाना, पंजाब से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता जी ने 1993 में 200 गज का प्लाट ख़रीदा था जिस में से 50 गज 2003 में चाचा जी के नाम कर दिया था जिसे 2005 में चाचा जी से झगड़े के कारन पिता जी ने चाचा जी से प्लाट खरीद कर माता जी के नाम कर दिया। अब 200 गज में से 150 गज पिता जी के नाम और 50 गज माता जी के नाम हो गया जिनकी (150 व 50 गज वाली) रजिस्ट्री हमारे पास है। 2006 में मेरे पिता जी की दिमागी हालत ख़राब हो जाने के कारन वो घर से कहीं चले गए और अभी तक नहीं आये। मेरी माता जी ने 2006 में पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी जिसकी कापी हमारे पास है। मै आप से जानना चाहता हूँ कि 1- बाकी बचे 150 गज प्लाट जो पिता जी के नाम है वो मैं माता जी के नाम कराना चाहता हूँ इसके लिए मुझे क्या करना होगा? 2- हम दो भाई हैं तो क्या ये जरूरी है 150 गज जमीन हम तीनों के नाम होगी या सिर्फ माता जी के नाम करा सकता हूँ 3- इस के लिए कौन से दस्तावेजो की जरूरत होगी।
समाधान–
आप के पिताजी 2006 में लापता हुए। तब उक्त प्लाट का 150 गज पिताजी के नाम तथा 50 गज आप की माताजी के नाम था जिस के दस्तावेज आप के पास हैं। लापता होने की तिथि से अर्थात जिस दिन प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है उस दिन से 7 वर्ष पूर्ण होने पर 2013 मैं यह अवधारणा ली जा सकती है कि उन का देहान्त हो चुका है। इस तरह उन के हिस्से का प्लाट का 150 गज प्लाट का हिस्सा उन के उत्तराधिकारियों को उत्तराधिकार में प्राप्त हो गया है। अर्थात यदि आप के कोई बहिन नहीं है तो आप दोनों भाई और माताजी के नाम हो चुका है। यदि कोई बहिन है तो उस में बहिन का भी हिस्सा है।
भूखंड का 50 गज तो माताजी के नाम है ही। यदि आप पूरा भूखंड माताजी के नाम कराना चाहते हैं तो भूखंड के शेष हिस्सेदार अर्थात आप, आप का भाई और कोई बहन/ बहनें हों तो वे सभी मिल कर अपने हिस्से की एक रिलीज डीड अपनी माताजी के नाम निष्पादित करवा कर उप पंजीयक के कार्यालय में निष्पादित करवा दें। इस से आप सभी भाई बहनों के हिस्से माताजी को प्राप्त हो जाएंगे और माताजी उक्त संपूर्ण प्लाट की स्वामिनी हो जाएंगी।