पुलिस को बयान डाक से भेजा जा सकता है।
|संजना वर्मा ने इन्दौर,मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैं ने मेरे पति के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओ के संरक्षण अधिनियम की धारा 12 और 23 के अंतर्गत भरण पोषण का केस जिला कोर्ट इंदौर में लगाया था। जिस में सब से पहले मेरे ओर मेरे बच्चे के लिए 3500 रु. प्रतिमाह देने का आदेश हुआ था उस के बाद सेशन कोर्ट में अपील करने पर बढ़ कर 8000 रु. हो गया। मुझे ओर मेरे बच्चे को मेरे पति और मेरे ससुराल वालों ने खूब मार पीट कर घर से बाहर निकाल दिया और उस के बाद इंदौर थाने में हमारी गुमशुदगी की रिपोर्ट की उस के बाद मुझे और मेरे घर वालों को मुझे दोबारा ले जाने पर मजबूर कर के झूठे बयान करवाए थे। जब से मेंटीनेंस का आदेश हुआ है तब से मेरा पति मुझे किसी ना किसी तरह से परेशान कर रहा है। मैं इंदौर में किराए के मकान में रह कर बैंक, पोस्ट आफिस का काम और प्राइवेट जॉब कर रही हूँ। क्यों कि मैं अपने बच्चे और खुद को किसी पर बोझ बनने नहीं देना चाहती हूँ। अभी मेरे पति ने कुछ दिन पहले भोपाल डीजीपी ऑफिस में झूठी शिकायत की कि मैं किसी लड़के से शादी कर के रह रही हूँ। और मेरे मकान मालिक ने रेंट एग्रिमेंट की कॉपी ओर सूचना पास के थाने में नहीं दी है। मैं घर पर देह व्यापार कर रही हूँ पुलिस आई ओर उन्हों ने ये सारी शिकायतों के बारे में बताया ओर मेरे और मकान मालिक के बयान हुए। जिस की कॉपी सूचना के अधिकार में निकाली है। अभी इटारसी थाने में पति के माता पिता रहते हैं जहाँ वह मुझे शादी करके लेकर गया था। वहाँ पर भी मेरे खिलाफ झूठी शिकायत की है। वहाँ के सब इंसपेक्टर ने मुझे कॉल कर के बयान के लिए इटारसी थाने में बुलाया है। अब आप ही मुझे सुझाव दीजिए कि क्या मैं अपने बयान लिख कर उस थाने के पते पर स्पीड पोस्ट कर सकती हूँ? या मुझे ही जाना पड़ेगा मुझे डर है कि मेरे साथ कुछ बुरा करने के लिए प्लानिंग तो करके नहीं रखी है। मेरे साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। वह मुझ पर एसिड फेंकने की ओर मेरा एक्सीडेंट करवाने की या मेरा अपहरण करवा कर मेरा रेप करवा कर मुझे कोठे पर बिठवाने की लगातार धमकियाँ दे रहा है। इस संबंध में मैं क्या कर सकती हूँ? मैं बहुत परेशान हूँ। कोर्ट में क्या कार्रवाई कर सकती हूँ? क्या मेरे पति ओर मेरे ससुराल वालों के इन कामों से घरेलू हिंसा साबित हो जाती है? प्लीज मुझे थाने ओर कोर्ट दोनों में की जाने वाली कार्रवाई के लिए सुझाव दें। मुझे 28 जनवरी 2015 के पहले बयान के लिए इटारसी थाने पर बुलाया है।
समाधान-
आप ने घरेलू हिंसा के अतिरिक्त और क्या कार्यवाही की है यह नहीं बताया है। जो परिस्थितियाँ आप ने बताई हैं उन में आप दोनों के बीच भविष्य में कोई सामंजस्य बन पाना और साथ रह पाना असंभव है। इन परिस्थितियों में विवाह विच्छेद के लिए रुकना ठीक नहीं है। इतने तनाव के साथ जीने से अच्छा है आप लोग अलग हो जाएँ। आप के पास विवाह विच्छेद के लिए क्रूरता का अच्छा आधार है। आप को विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत कर इस का आरंभ कर देना चाहिए। बाद में क्या परिस्थितियाँ बनती हैं। तब देखा जाएगा। हो सकता है किन्हीं परिस्थितियों में आप को एक मुश्त भरण पोषण दे कर आप का पति आप से विवाह विच्छेद चाहे। तब वैसा सोचा जा सकता है। विवाह विच्छेद का अर्थ यह कतई नहीं है कि आप का व बच्चे का भरण पोषण बन्द हो जाएगा।
जहाँ तक इटारसी थाने से प्राप्त सूचना का संबंध है। आप इटारसी पुलिस थाना को अपना बयान लिखित में स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड डाक से भेज सकती हैं और उन से आग्रह कर सकती हैं कि इटारसी आना आप की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है। यदि पुलिस को आप का बयान लेना है तो अन्वेषण अधिकारी स्वयं आप के पास आ कर बयान ले कर जा सकता है। आप स्थानीय थाने में भी रिपोर्ट करा सकती हैं कि आप की सुरक्षा खतरे में हैं और आप को पति द्वारा धमकियाँ दी गई हैं कि एसिड फैंक दिया जाएगा या अपहरण कर बलात्कार किया जाएगा। फिलहाल आप इटारसी थाने को लिखित बयान भेजें और प्रतीक्षा करें कि अन्वेषण अधिकारी की प्रतिक्रिया क्या है? यदि इटारसी थाने में दर्ज हुई प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति किसी तरह मंगवा सकती हैं तो उस के विरुद्ध धारा 482 में इन्दौर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर उसे निरस्त कराया जा सकता है।
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Mene jo problem bheji he bas wo hi karyawahi ki he iske alwa or koi bhi karywahi nhi की