DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

पुश्तैनी संपत्ति में अपने हिस्से के बंटवारे का दीवानी वाद संस्थित किया जा सकता है।

rp_property1.jpgसमस्या-

दक्षिता पालीवाल ने वल्लभनगर जिला उदयपुर, राजस्थान से राजस्थान राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरे दादा जी के 3 पुत्रियाँ (शादी शुदा) 2 पुत्र थे। मैं 11 साल की थी तब 2008 में मेरे पिता (40) की अचानक बीमार होने से मृत्यु हो गई उस समय मेरे परिवार में दादा जी (80) हमारे साथ रहते थे, तथा बड़े पिता जी शहर में रहते थे अपने परिवार के साथ। हमारे बड़े पिता जी का व्यवहार हमारे साथ बिल्कुल अच्छा नहीं था। मम्मी ने जून 2010 में तंग आकर दूसरी शादी कर ली (2 साल बाद)। मुझे मेरे नाना जी ने बड़ा किया, दादा जी को बड़े पापा ने शहर में अपने पास रखा। उनकी मृत्यु 21/02/15 को हो गई। बड़े पापा ने अपनी चालाकी से दादा जी से 09/2010 में रजिस्टर्ड वसीयत लिखवा ली जिसमें पैतृक 50 बीघा कृषि भूमि, गाँव का घर, शहर का घर, प्लाट सब अपने नाम करवा लिया। मेरे नाम सिर्फ 5 बीघा जमीन कर दी। मैं अपना हक लेने के लिए क्या कर सकती हूँ? बड़े पापा की पहचान बड़े-बड़े लोगों तक हैं पैसा है रुतबा है। कृपया उपाय बताये।

समाधान

क्त संपत्ति में जो भी संपत्ति स्वयं दादाजी द्वारा स्वअर्जित है उसे वे वसीयत कर सकते थे। इस कारण स्वअर्जित संपत्ति के मामले में तो वसीयत ही मानी जाएगी। किन्तु जो संपत्ति आप के दादाजी के पास पुश्तैनी थी तथा उस पुश्तैनी संपत्ति की आय से कोई संपत्ति बनाई गयी थी तो वह भी पुश्तैनी मानी जाएगी। इस पुश्तैनी संपत्ति में आप का भी अधिकार है।

प के दादा जी उस पुश्तैनी संपत्ति में से केवल उन का जो हिस्सा था उसे वसीयत कर सकते थे। लेकिन अन्य लोगों के हिस्सों को वसीयत नहीं कर सकते थे। इस तरह उक्त संपत्ति जो हिस्सा आप के पिता का और आप का था उस पर आप का अधिकार है। आप अपने हिस्से की संपत्ति के बंटवारे का वाद कर सकती हैं। इस दीवानी वाद में दादा जी के सभी उत्तराधिकारियों को पक्षकार बनाना होगा। इस वाद में यदि आप के बड़े पापा वसीयत का हवाला देते हैं तो उन्हें वह वसीयत साबित करनी होगी और आप को उस वसीयत को फर्जी या गैर कानूनी साबित करना होगा। आप स्थानीय वकील से राय कर के कार्यवाही करें।

Print Friendly, PDF & Email
2 Comments