DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

प्रतिवादी या अभियुक्त के पते की जानकारी के बिना उस के विरुद्ध मुकदमा चलाया जाना संभव नहीं है

 मैजिक विंग्स ने पूछा है – – –

मैं भीलवाड़ा का रहने वाला हूं। मैं जयपुर के एक आदमी से 11 हजार रुपए मांगता था, उसने मुझे आईसीआईसीआई बैंक का एक अकाउंट पेयी चैक दिया जब मैंने उसको बैंक में डाला तो वह बाउंस हो गया उसमें पर्याप्‍त पैसा नहीं था। मैं उसके घर का पता नहीं जानता था, ऑफिस का पता जानता था। लेकिन वह ऑफिस बंद कर चुका है। जब मैंने आईसीआईसी बैंक से उसके घर का पता किया, और उस पते पर गया तो वह पता फर्जी निकला। बैंक में भी उसने फर्जी पता ही दे रखा था।  अब क्‍या किया जा सकता है,? क्‍या बैंक वालों के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होगा या उस आदमी का कुछ नहीं हो सकता।

कृपया मुझे इसकी पूरी जानकारी दें।


उत्तर – – – 

 महोदय,

जिस आदमी से आप को धन प्राप्त करना है, उस का पता तो आप को ही बताना पड़ेगा। आईसीआईसीआई ने भी अपने यहाँ खाता किसी न किसी फोटो आईडी के आधार पर ही खोला होगा। बैंक के विरुद्ध कार्यवाही करने पर अधिक से अधिक यह हो सकता है कि बैंक को कायदे-कानून की पालना करने में लापरवाह माना जाए और उन्हें कुछ दंड भुगतना पड़े। लेकिन इस से बैंक को कोई फर्क नहीं पड़ता। 
चैक तो बाद में अस्तित्व में आया है। पहले तो आपने उस व्यक्ति को रुपया दिया है या उस पर कोई दायित्व छोड़ा है। उस दायित्व की पूर्ति के लिए चैक तो बाद में जारी किया गया है। आप को उस व्यक्ति को रुपया उधार देने या उस पर दायित्व छोड़ने के पहले उस का पता आदि ले कर रखना चाहिए था। बिना पते के तो कोई कार्यवाही अदालत में नहीं की जा सकती है। यदि पुलिस में धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराएंगे तो पुलिस भी उस में अभियुक्त लापता होने की रिपोर्ट लगा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेगी। आप को स्वयं ही उस व्यक्ति का पता ज्ञात करना होगा। तभी आप कोई कार्यवाही कर पाएंगे।
हाँ, यदि आप को संभावना प्रतीत होती हो कि आप बाद में उस व्यक्ति का पता मालूम कर सकते हैं तो बैंक से चैक अनादरित होने के एक माह के भीतर उस के बैंक में दिए गए पते पर नोटिस भेज कर परक्राम्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत कार्यवाही आरंभ कर सकते हैं। बाद में जब भी उस व्यक्ति का पता मालूम हो अदालत को बता कर कार्यवाही को गति प्रदान की जा सकती है।
5 Comments