कब्जा वैध है तो कानूनी प्रक्रिया के बिना संपत्ति से नहीं हटाया जा सकता।
समस्या-
13 साल पहले एक जमीन बैनामे से खरीदी थी। बेचने वाले ने जमीन पर कब्जा दिया। उस पर अभी हमरा मकान बन गया है। चौहद्दी के हिसाब से मकान सही जगह बना है जहा घर बना है उसका नंबर 91 है। लेकिन खतौनी में 94 है। जिसने जमीन बेची थी वह मर गया है। उसके कोई नहीं था, उसकी सारी जमीन उसके भाई की पत्नी के नाम वसीयत से दर्ज है। अब इसके लड़के कहते है तुम्हारा जहा नंबर बोल रहा है वहाँ लो लेकिन मैं तो जहाँ बनवाया हूं वहीं लिया हूं। अब वो हमे जान से मारने कि धमकी भी दे रहे हैं। अभी हमारा मकान पूरा बन गया है, थोडा काम बाकी है प्लास्टर का। अब मै क्या करूँ अभी 2,,,3 दिन की बात है।
-जितेन्द्र कुमार प्रजापति, मुंगरा बादशाहपुर, जिला जौनपुर, तहसील मछलिशहर, (उत्तर प्रदेश)
समाधान-
आप को बेचने वाले ने जिस जमीन पर कब्जा दिया उस पर आप काबिज हैं, पिछले तेरह वर्ष से। बैनामे में कब्जा देना लिखा होगा। इस तरह आप का उस जमीन पर कब्जा है और आप ने मकान बना लिया है। इस तरह आप का उस जमीन पर कब्जा वैध है, अवैध नहीं है। आप सिविल न्यायालय में इसी आधार पर स्थायी निषेधाज्ञा का दावा कर सकते हैं कि आप को बिना किसी विधिक प्रक्रिया के बेदखल नहीं किया जाए। दावे में जब तक निर्णय न हो जाए अस्थायी निषेधाज्ञा का आवेदन दे कर अस्थायी निषेधाज्ञा प्राप्त करें। इस के लिए किसी स्थानीय अच्छे दीवानी वकील की मदद आप को लेनी होगी। मकान का काम चल रहा है तो उस में आप का सामान पड़ा होगा। नहीं तो आप अपना सामान ले जा कर वहाँ डालें और दिन-रात अपने परिवार के किसी व्यक्ति की उपस्थिति मकान में बनी रहे। स्थायी व अस्थायी निषेधाज्ञा में आदेशात्मक आदेश के लिए भी प्रार्थना करें कि आप के मकान में प्लास्टर वगैरा आप करा सकें।
यदि किसी ने आप को जान से मारने की धमकी दी है तो उस के लिए पुलिस में रिपोर्ट कराएँ। यदि पुलिस कुछ कार्यवाही न करे तो न्यायालय में परिवाद पेश करें। यदि वे लोग आप के विरुद्ध बेदखली के लिए कोई कानूनी कार्यवाही संस्थित करते हैं तो आप उस प्रकरण में एडवर्स पजेशन का तर्क लेते हुए अपना बचाव कर सकते हैं।