प्रोबेशन पीरियड पूर्ण होने पर सेवा समाप्ति को चुनौती नहीं दी जा सकती है
| प्रशान्त शर्मा ने पूछा है –
मैं ने एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में 1 सितम्बर 2010 को नौकरी ग्रहण की थी। 28 फरवरी को छह माह का समय निकल गया। 28 फरवरी को मुझे मौखिक आदेश से नौकरी से निकाल दिया गया, कारण भी नहीं बताया। मेरा प्रोबेशन पीरियड भी नहीं बढ़ाया गया, और न ही कोई सेवा पृथक करने का नोटिस दिया गया। अब बोल रहे हैं कि त्याग पत्र दे दो। जब कि मेरी डेली रिपोर्ट सही है, काम अच्छा है, जो काम किया हर बात का प्रमाण है, राजनीति के चलते हटाया जा रहा है। क्या करूँ?
उत्तर –
प्रशान्त जी,
आप का मामला नौकरी से संबंधित है। इस का कोई एक कानून नहीं है। प्रत्येक नौकरी का मामला कर्मचारी और उस के नियोजक के बीच हुए काँट्रेक्ट पर निर्भर करता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि मुझ से तो कोई काँट्रेक्ट किया ही नहीं गया। तो समझ लीजिए कि कोई एक व्यक्ति प्रस्ताव रखता है और दूसरा उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो काँट्रेक्ट हो जाता है। आप को भी एक नियुक्ति पत्र दिया गया होगा, जिस पर नियोजक ने आप की स्वीकृति के हस्ताक्षर करवाए होंगे। वही आप का नियोजन का काँट्रेक्ट है। अब ये भी हो सकता है कि आप को कोई नियुक्ति पत्र ही नहीं दिया गया हो। केवल आप के हस्ताक्षर करवा कर उसे नियोजक द्वारा वापस ले लिया हो। यह भी हो सकता है कि उन्हों ने प्रस्ताव दिया ही नहीं हो और केवल नौकरी के लिए फार्म भरवाया हो जो स्वयं प्रस्ताव की शक्ल में हो जिस में आप की सेवा शर्तें अंकित हों और उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया हो और उस की सूचना आप को महज एक कागज से दे दी गई हो। यह भी हो सकता है कि प्रस्ताव की सूचना प्राप्ति के हस्ताक्षर भी आप से फॉर्म भरने के समय पहले ही करा लिए गए हों, और बाद में उसे स्वीकार करने के हस्ताक्षर नियोजक ने कर के अपने पास रख लिये हों। आप को सब से पहले यह पता करना चाहिए कि आप का नियोजन का काँट्रेक्ट क्या है। यदि आप का नियुक्ति पत्र आप को दिया गया हो तो उसी में यह शर्तें लिखी हों। उसे ध्यान से पढ़ेंगे तो सब स्पष्ट हो जाएगा।
आप के प्रश्न से लगता है कि आप को छह माह के प्रोबेशन पर नौकरी दी गयी थी। आम तौर पर काँट्रेक्ट में लिखा होता है कि यदि सफलता पूर्वक आप ने प्रोबेशन पीरियड पूरा कर लिया तो आप को स्थाई सेवा में ले लिया जाएगा। आप का प्रोबेशन पीरियड सफलता पूर्वक पूरा हुआ है या नहीं इस बात को जाँचने का सर्वाधिकार आपके नियोजक को होगा। प्रोबेशन सफलतापूर्वक पूर्ण न होने पर आप की नौकरी तुरंत बिना किसी नोटिस के समाप्त समझी जाएगी। यह भी हो सकता है कि आप का प्रोबेशन पीरियड बढ़ा दिया जाए। इन आम शर्तों के अनुसार कोई भी नियोजक प्रोबेशन पीरियड की समाप्ति के उपरांत कर्मचारी को नौकरी पर नहीं लेता है तो कर्मचारी को कोई अधिकार नहीं है कि वह नौकरी के लिए कोई कानूनी संरक्षण प्राप्त कर सके।
मौजूदा औद्योगिक विवाद कानून भी केवल उन कर्मचारियों को संरक्षण देता है जिन्हों ने नियोजक की सेवा में पिछले कलेंडर वर्ष (नौकरी से निकाले जाने के पिछले प
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9 Comments
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
"गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका!".
आपके सुझाव और संदेश जरुर दे!
अच्छी जानकारी दी आपने
ये तो बढिया जानकारी मिली, आभार.
रामराम.
अच्छी जानकारी दी, धन्यवाद
काफी अच्छी जानकारी दी. आजकल भोले-भाले लोगों से नियोजक स्वीकृति के हस्ताक्षर करवा लेते हैं और कोई नियुक्ति पत्र भी नहीं देते हैं. फिर जब चाहे किसी को भी नौकरी से निकल देते हैं.
आपने उचित राय दी कि- आपका नियोजक छह माह के संतोषजनक या अच्छे काम के अनुभव का प्रमाण-पत्र आप को दे रहा हो तो आप त्याग-पत्र दे कर उसे प्राप्त कर लें और अपनी ऊर्जा को नयी नौकरी तलाश करने में लगाएँ, यही आप के लिए उचित होगा। किसी प्रकार की मुकदमेबाजी में पड़ कर अपना समय और धन नष्ट न करें।
आपकी हर सलाह अच्छी होती है। मेरे ख्याल से जो आदमी प्रोबेशन पर काम करने जाता है, उसे सारे परिस्थितियों का पता होता है, लेकिन पता नहीं, लोग क्यों मुक़दमेबाज़ी को तैयार हो जाते हैं?
बहुत अच्छा लगा,,धन्यवाद
अच्छी जानकारी.
नई जानकारी है….