फर्जी दस्तावेज बनाना और छल करना गंभीर अपराध हैं।
समस्या-
मेरे पिता मुंबई में दुकान करते थे। दुकान के लिए नगर निगम से उन्हें सड़क किनारे जगह आवंटित हुई थी। इसका लाइसेंस उनके नाम पर था। 1989 में उनका निधन हो गया। दुकान मेरे चाचा चलाने लगे। दुकान की जगह पर एक बिल्डिंग बननी थी। 2013 चाचा जी ने वह जगह बेच ली। जगह बेचने के लिए लाइसेंस पर नाम तो पिता जी का रहा लेकिन फोटो चाचा जी की लगा ली गई। चाची जी और चचेरे भाई ने यह पूरा काम किया। दुकान की जगह बिल्डर ने ली और उसके बदले चाचा जी को पैसे मिले। इसी दौरान मेरा एक्सीडेंट गया और मैं तब से बेड पर हूं। मेरी माता जी वृद्ध हैं। मेरे पिता जी तीन भाई थे और अभी गांव में परिवार साथ ही रहता है। जब मुझे पता चला तो बाकी के दोनों चाचा जी से बात की। उन्होंने ने कहा कि आपके हिस्से के पैसे दिए जाएंगे। लेकिन अब पैसे देने से इनकार किया जा रहा है। मैं चोट के कारण स्थायी विकलांग हूं और माता जी की उम्र 90 साल के ऊपर है मैं क्या कर सकता हूं?
-पार्थ कुमार, फ्लेट नं. 303 टावर 4, पारस तिलेरा, सैक्टर 137, नोएडा (उत्तर प्रदेश)
समाधान-
आप के चाचा ने बहुत गंभीर अपराध किया है। उस ने आप के पिता के चित्र के स्थान पर अपना चित्र लगा कर फर्जीवाड़ा किया और उस के माध्यम से आप की माता जी के साथ छल और धोखाधड़ी की। बिल्डर भी इस में शामिल रहा हो सकता है। यदि इस की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाए तो यह एक गंभीरतम अपराध होगा जिस के लिए कई वर्ष तक आपके चाचा को जेल में रहना पड़ सकता है। पुलिस रिपोर्ट न लिखे और कार्यवाही करने से इन्का आप की माताजी या आप खुद पुलिस या न्यायालय को शिकायत करेंगे तो उन्हें सजा हो सकती है। वे आप के माताजी की धनराशि उन्हें अदा कर दें। धन अदा न करने पर आप चाचा के विरुद्ध कार्यवाही कर सकते हैं।