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बँटवारे के दावे में सभी हिस्सेदार आवश्यक पक्षकार हैं।

partition of propertyसमस्या-

पवन कुमार छाबरा (जैन), बारसोई, जिला कटिहार, बिहार से समस्या भेजी है कि-

मेरी माता जी की मृत्यु हो चुकी है उन्होंने मृत्यु के पहले वसीयत की थी जो पक्की (रजिस्टर्ड) नहीं बल्कि नोटरी किया हुवा है। इस आधार पर मेरे नाम पर नामान्तरण भी किया गया व बिहार सरकार को मालगुजारी लगान चुकाता आ रहा हूँ, मुझे रसीद भी कचहरी से मिल रहा है। लेकिन रजिस्टर में नेरा नाम नहीं चढाया गया है। उस में मेरी माता श्री का ही नाम है। यह मुझे RTI 2005 एक्ट से सूचना मांगने पर मिली। मेरे दो भाई और तीन बहनें हैं। मेरे दोनों भाई माता श्री की वसीयत को कोर्ट में चैलेंज करना चाहते हैं और हिस्सा के लिए मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी बहन हिस्से के लिए कोई भी दावा नहीं कर रही है, उन सभी की शादी भी हो चुकी है। दोनों भाइयों को इसके लिए किसी भी प्रकार की साहयता भी नहीं कर रही हैं, न ही हिस्से की मांग कर रही हैं और न ही उन का साथ दे रही हैं तो क्या कोर्ट में सभी को हिस्से के लिए साथ आना होगा और क्या नोटरी की गई वसीयत टूट सकती है? वसीयत में टी चार गवाह भी हैं जिन के सामने ही हमारी माता श्री ने वसीयत की थी। मार्ग दरसन दें।

समाधान-

प ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किस रजिस्टर में आप का नाम होना चाहिए था जिस में नहीं है जिस की आप को सूचना आरटीआई से प्राप्त हुई है। यदि किसी रजिस्टर में नाम नहीं है तो स्वयं पता करें कि क्यों नहीं है और कैसे चढ़ सकता है और कार्यवाही करें। वैसे नामान्तरण हो जाने के बाद तो नाम सभी रजिस्टरों में चढ़ जाना चाहिए। यदि नहीं चढ़ा है तो यह भी हो सकता है कि आप का नामान्तरण ही नहीं हुआ हो। उस का भी पुख्ता पता करें और नहीं हुआ है तो नामान्तरण करवाएँ।

हाँ तक भाइयों द्वारा वसीयत को चुनौती देने का प्रश्न है तो यह उन का अधिकार है वे चुनौती दे सकते हैं और आप की जमीन के विभाजन के लिए दावा कर सकते हैं, यदि नामान्तरण हो चुका है तो उसे चुनौती दे सकते हैं। वे कह सकते हैं कि यह वसीयत फर्जी है और जमीन के हिस्से उत्तराधिकार के अनुसार होने चाहिए। बंटवारे (विभाजन) के दावे में सभी उत्तराधिकारियों को पक्षकार बनाना आवश्यक है इस कारण से आप की बहनों को भी पक्षकार बनाना होगा। जब कि किसी भी संयुक्त संपत्ति का कोई भी एक हिस्सेदार बंटवारे का दावा कर सकता है।

प की बहनें इसी कारण न तो आप के भाइयों को कोई सहयोग कर रही हैं और न ही हिस्से की मांग कर रही हैं क्यों कि वे जानती हैं कि जब भी बंटवारे का कोई भी दावा करेगा तो उन्हें पक्षकार बनाया जाएगा और यदि वे अपने हिस्से को किसी भाई के हक में नहीं त्याग देती हैं तो उन्हें कोर्ट अपने आप उन का हिस्सा दिला देगा।

दि आप की मां ने आप के हक में जमीन की वसीयत की है और वह वैध है तो किसी को भी हिस्सा प्राप्त नहीं होगा सारी जमीन आप को मिल जाएगी। लेकिन आप को दावे की सुनवाई में अपनी वसीयत को साबित करना होगा। जिस के लिये जरूरी है कि आप यह साबित करें कि वसीयत आप की माता जी ने स्वेच्छा से कम से कम दो गवाहों की उपस्थिति में की थी। माता जी ने गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे तथा गवाहों के हस्ताक्षर भी वसीयत पर मौजूद थे। इस के लिए आप को दो गवाहों की गवाही कोर्ट में करानी पड़ेगी। वसीयत का रजिस्टर्ड होना जरूरी नहीं है और न ही नोटेरी के सामने होना जरूरी है। आप नोटेरी के बयान करवा सकते हैं जो अपने रजिस्टर को न्यायालय के सामने बता कर कह सकता है कि आप की माता जी ने वसीयत गवाहों के सामने की थी और माताजी तथा गवाहों ने वसीयत पर हस्ताक्षर किए थे तथा उस के रजिस्टर पर भी हस्ताक्षऱ किए थे।

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