बहिन क्रूरता और घरेलू हिंसा की शिकार है, दोनों अधिनियमों में कार्यवाही कराएँ…
|नरेश कुमार ने जिला-कुरुक्षेत्र (हरियाणा) से समस्या भेजी है कि-
मेरी छोटी बहन की शादी 2009 में हुई थी जो की आज तक मेरी बहन के कोई भी संतान नहीं है, जिस के कारण उसके सास -ससुर मेरी बहन को तंग करते रहते हैं। सब से बड़ी बात तो यह है कि मेरी बहन के पति भी मेरी बहन की न सुनकर अपनी माता –पिता की सुनते हैं और मेरी बहन को परेशान करते हैं और अपशब्दों का भी अत्यधिक प्रयोग किया जाता है। कृपया मुझे उपाय बताएँ कि हम किस प्रकार क़ानूनी रूप से इस समस्या का हल कर सकते हैं।
समाधान-
आप की बहिन के साथ ससुराल में उस के पति और उस के रिश्तेदारों द्वारा जो व्यवहार किया जा रहा है वह घरेलू हिंसा है। वह धारा 498ए आईपीसी के अन्तर्गत परिभाषित क्रूरता भी है। इस तरह आप की बहिन के पति और उस के नातेदार लगातार ऊक्त धारा के अन्तर्गत दंडनीय अपराध कर रहे हैं।
आप की बहिन चाहे तो महिलाओं का घरेलू हिंसा से रक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आवेदन सीधे मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत कर सकती है। इस अधिनियम में आप की बहिन अपने ससुराल वालों को हिंसा न करने के लिए वचनबद्ध करवा सकती है। आदेश न मानने पर उन्हें दंडित किया जा सकता है। वह उसी घर में अलग निवास मांग सकती है या अलग निवास मांग सकती है। भरण पोषण के लिए खर्चा मांग सकती है।
आप की बहिन धारा 498ए के अन्तर्गत पुलिस को रिपोर्ट दे सकती है या मजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर उसे पुलिस जाँच के लिए भिजवा सकती है।
इन दोनों अधिनियमों के अन्तर्गत कार्यवाही करने के लिए आप को स्थानीय वकील से संपर्क करना चाहिए और उस के निर्देशो के अनुसार कार्यवाही करनी चाहिए। स्थानीय वकील इस मामले में आप की सहायता कर सकते हैं।
Naresh ji,
Upay aapko Guru ji dwara bta diya gya hai. Fir bhi koi questions ho to aap legal help chahte hai to aap 9466255591 pr call kr skta hai. Main aapke pas se hi hun
धन्यवाद, यश!
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.बहिन क्रूरता और घरेलू हिंसा की शिकार है, दोनों अधिनियमों में कार्यवाही कराएँ…