बेहतर है कि माँ संपत्ति को आप के नाम गिफ्ट डीड कर हस्तान्तरित कर दे।
|संजय ने पाली, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरे भाई संजय की शादी सन् 2002 में हुई थी, वह दो चार महीने के बाद ही हमारे घर से अलग हो गया। मैं ने मेरे माँ मधु के नाम से बैंक से लोन लेकर शहर पाली जिला पाली (राजस्थान) में प्रॉपर्टी सन् 2000 में खरीदी। उस बैंक लोन की समस्त राशि मेरे द्वारा जमा करवाई गई। अभी भी मैं मेरी माँ के साथ में ही रहता हु। तो क्या मेरा भाई संजय मेरी माँ की मृत्यु के बाद इस प्रॉपर्टी का हिस्सेदार रहेगा? अभी मेरी माँ जीवित है। यदि मेरा भाई संजय हिस्सेदार रहता है तो उसे हिस्सेदारी से अलग करने के लिए मुझे मेरी माँ से इस प्रॉपर्टी सम्बन्ध में क्या क्या दस्तावेज तैयार करवाने चाहिए? जिस से इस मेरी माँ मधु के नाम से बैंक लोन से मेरे द्वारा खरीदी सम्पति का पूरा स्वामित्व मेरा ही रहे, बाद में किसी भी तरह का विवाद न हो।
समाधान–
आप ने उक्त संपत्ति माँ के नाम से खरीदी, ऋण भी चुका दिया गया। वैसी स्थिति में अब उक्त संपत्ति पर किसी तरह का कोई भार भी नहीं है और वह भार मुक्त है। वैसी स्थिति में उक्त संपत्ति माँ की मानी जाएगी और माता जी की मृत्यु के उपरान्त वह उत्तराधिकार में चली जाएगी। जिस में माँ के सभी उत्तराधिकारी बराबर के हिस्सेदार होंगे। निश्चित रूप से आप का भाई भी होगा और वह बंटवारा करने और हिस्सा देने का वाद संस्थित कर सकता है।
यदि आप की माँ उक्त संपत्ति को आप के नाम वसीयत कर उसे पंजीकृत करवा देती हैं और फिर अपने जीवन काल में उस वसीयत को परिवर्तित या रद्द नहीं करती हैं तो वसीयत के अनुसार उक्त संपत्ति आप की हो जाएगी। लेकिन यदि माँ उक्त वसीयत को रद्द करती है या उसे परिवर्तित करती है तो उन की अन्तिम वसीयत ही सही मानी जाएगी।
यदि आप वसीयत के बदले जाने की इस आशंका से बचना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि उक्त संपत्ति को आप की माँ आप को गिफ्ट डीड से हस्तान्तरित कर सकती हैं। इस से आप माताजी के जीवन काल में ही उक्त संपत्ति के स्वामी हो जाएंगे।
हमे हमारी मुह बोली बुआ ने एक जमीन दी है जिस मे राजस्व रेकार्ड मे भु-दान (अहास्ताणतरणीय ) लिखा है। 1975 से 1997 तक मे कही अहास्ताणतरणीय नही लिखा है केवल भुदान लिखा है।
1998 से 2015 के खसरा बी वन मे
भुदान अहास्ताणतरणीय लिखा हो।
1975 के रेकार्ड अनुसार यह जमीन भुदान बोर्ड ने दी है। जो बुआ के पापा को मिली थी। व अब बुआ के नाम पे है ।
यह जमीन हम कैसे अपने नाम करा सकते है और क्या। हम इसे बेच सकते है।बुआजी और हम एक ही कास्ट sc के है।वे हमे आज भी सभी प्रकार की लिखा पढी करने को तैयार है ।
मेरे दो किराये दार हैं जो कि २१ ₹ महिना किराया देते हैं उनसे मे आज के वक्त के हिसाब से ५०००-५०००₹ किराया चाहता हूँ क्या यह मिल सकता है
मेरे दो पुराने किराये दार हैं