नियमानुसार भत्ता न मिलने पर विभागीय आवेदन, अपील के निर्णय के बाद ही न्यायालय जाएँ।
|सचिन पाटिल ने वडोदरा, गुजरात से समस्या भेजी है कि-
मैं 2012 में केंद्र सरकार की नौकरी में आया। मेरे पैरेंट यूनिट में भर्ती होने के बाद मुझे 24 कि.मी. दूर दूसरे स्टेशन में स्थानान्तरित कर दिया गया। आज मुझे 2 साल हो गए हैं। मुझे किसी भी तरीके का दैनिक भत्ता नहीं दिया गया और न मुझे मेरे यूनिट में भेजा गया। जो 24 कि.मि. दूर है । मैं क्या करूँ कि मुझे सरकारी नियमानुसार दैनिक भत्ता प्राप्त हो। क्योंकि रोज 24+24 =48 km की यात्रा में अधिक पैसा खर्च हो रहा है। प्रशासन भी ध्यान नही दे रहा है।
समाधान-
आप केन्द्र सरकार की नौकरी में हैं। आप का प्रथम पदस्थापन किसी खास यूनिट में किया गया इस कारण से वह आप की पेरेंट यूनिट हो गयी यह बात समझ नहीं आई। आप को निकट ही दूसरी यूनिट में स्थानान्तरित किया गया है। स्थानान्तरण किसी भी नौकरी की सामान्य और अनिवार्य शर्त है। इस कारण से आप को दैनिक भत्ता मिलना चाहिए यह समझ नहीं आया। आप केन्द्र सरकार के किस विभाग या उपक्रम में नौकरी पर हैं यह आप ने बताया नहीं। आप की सेवा शर्तें क्या हैं? यह भी हम किसी तरह नहीं जान सकते।
आप को 24 किलोमीटर जाने का खर्च परेशान कर रहा है। नगरों और महानगरों में लाखों लोग इस से तीन-चार गुना अधिक दूरी रोज तय कर के अपने काम पर जाते हैं और नौकरी करते हैं। केवल यह एक बात आप को दैनिक भत्ता दिलाने के लिए पर्याप्त तर्क नहीं है।
फिर भी आप को लगता है कि आप नियमानुसार किसी भत्ते के अधिकारी हैं तो उस के लिए अपने नियुक्ति अधिकारी को आवेदन दीजिए। यदि वे इस से इन्कार करते हैं तो सेवा नियमों के अनुसार विभागीय अपील कीजिए। और यदि अपील आदि भी निरस्त हो जाती है तो फिर न्यायालय की शरण लीजिए।