मकान में हिस्से तथा अधिकार विभाजन के वाद में ही तय हो सकते हैं।
|कपिल ने दिल्ली से समस्या भेजी है कि-
मेरी समस्या फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश की है जहाँ मेरे दादाजी का तीन मंजिला मकान है।दादा जी के जीते जी एक एक मंजिल दोनों पुत्रों के पास और एक मंजिल खुद के पास रखी और कहा था मरणोपरांत उनकी मंजिल में आधा आधा हिस्सा दोनों का हो जाएगा। दोनों पुत्र कई साल से दिल्ली रहते हैं। दस साल पहले दादीजी के गुजरने के बाद वे हमारे साथ रहने लगे। उनके दूसरे पुत्र ने उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर नहीं रखा। इस से दादाजी को बहुत ठेस पहुँची। इसी बीच उनके उन पुत्र का देहांत हो गया। सन् 2012 में दादाजी का देहांत हो गया और अपनी वसीयत में अपनी मंजिल हमारे नाम कर गए। अब उन के उन पुत्र के पुत्र पहले तो मानने को राजी नही हुए फिर काफी बहस के बाद कहते हैं कि वो सब से ऊपर की मंजिल में रहते थे इसलिए छत पर उनका पूरा हक होगा जबकि वसीयत में ऐसा कुछ उल्लेख नही है बल्कि यह लिखा है कि पूरे मकान में तीन हिस्से हैं और वे अपना हिस्सा हमें देते हैं। तो क्या उनका कहना सही है कि छत उनकी है? वो पैसे वाले होने की वजह से हम पर रौब दिखाते हैं कि हम तो लेकर ही रहेंगे। हम कहते हैं कि छत पर भी हमारा 2/3 हिस्सा है।क्या हम सही है अगर है तो कृपया हमारा मार्गदर्शन करें कि हम अपना पक्ष कैसे रखें और उनके दबाव में न आ सकें।
समाधान-
आप के विवाद का हल केवल न्यायालय के माध्यम से ही हो सकता है। चूंकि संपत्ति अभी भी संयुक्त है इस कारण उस का या तो आपसी सहमति से बँटवारा नामा निष्पादित किया जा कर तथा उस का पंजीयन करवा कर विभाजन किया जा सकता है या फिर न्यायालय में विभाजन का वाद प्रस्तुत कर किया जा सकता है।
आप को वसीयत तथा उत्तराधिकार के आधार पर विभाजन का वाद न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहिए और इस वाद के निर्णय तक छत पर किसी भी तरह के निर्माण के लिए निषेधाज्ञा प्राप्त करनी चाहिए। सिद्धान्ततः किसी भी इमारत की छत तथा भूखंड में इमारत में उन के हिस्से के अनुपात में ही अधिकार होता है। न्यायालय विभाजन के साथ ही भूखंड और इमारत की छत के अधिकार भी सुनिश्चित कर देगा।
क्या कोई घर की फ़र्ज़ी वसीयत बनवाकर उसे किसी दुसरे को बेच सकता है हम उसकी फ़र्ज़ी वसीयत को कैसे गलत साबित कर सकते है
मामला ये है की हमारे संबधी के यहाँ उनके छोटे भाई की पत्नी ने अपने ससुर के स्वर्गवास के बाद अपनी सास के होते हुए भी गलत लोगो को ले कर वो सम्पति कथित रूप से अपने नाम करवा ले है और बोलती है की मैंने उसे बेच भी दिया है किसी दुसरे आदमी को. उस महिला के चारित्रिक लक्षण भी ठीक नहीं है उसके पति का देहयन्त हो चूका है अब वो आदमी जिसे उसने कथित तौर पर घर बेचा है वो आ कर के घर पर इन लोगो को घर खाली करवाने की बात करता है. इस घर में वो अपनी माँ और बच्चो के साथ रहते है और घर का दीवानी मुकदमा भी चल रहा है.
अब इस इस्थिति में होम क्या करे. कोर्ट से स्टे आर्डर के लिए क्या प्रक्रिया है. और उसके खिलाफ जो की ए दिन घर आ कर घर खाली करवाने के धमकी देता है और उस महिला के खिलाफ क्या प्रकरण हो सकता है कृपया राय दे.
आपको अपनी समस्या यहाँ टिप्पणी के रूप में प्रेषित करने के स्थान पर तीसरा खंबा कानूनी सलाह लिंक पर प्रेषित करनी चाहिए। संभवतः आप ने भेजी भी हो। यदि भेजी है तो अपने क्रम की प्रतीक्षा करें।
तीसरा खंबा का पिछला आलेख है:–.नाना नानी के उत्तराधिकार में नातियों का अधिकार …