वसीयत में प्राप्त संपत्ति हस्तान्तरित की जा सकती है।
समस्या-
मंदसौर, मध्यप्रदेश से रमेश चौधरी ने पूछा है-
मेरी दादीजी ने अपना मकान मेरे नाम वसीयत कर दिया। उनके देहान्त के बाद वह मकान नगर निगम में मेरे नाम पर नामांतरित हो गया। उसके बाद मैं ने होम लोन लेकर उसे फिर से बनवाया। लोन चुकता होने में अभी दस साल बाकी हैं। मेरे घर में माता पिता और एक छोटा भाई है जो बीए कर रहा है। घर खर्च की सारी ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर है, मेरी मासिक आमदनी 8000 रुपए है। इसके अलावा आमदनी का कोई साधन नहीं है। क्यों कि मेरे माता-पिता पूर्ण रूप से बीमार हैं। मेरी शादी 2010 में हो गई थी और मेरा एक 1.5 साल का पुत्र है जो कि अभी पत्नी के पास है। मेरी पत्नी को मेरे ससुर जी साथ अजमेर अपने घर ले गये हैं। पत्नी मेरे साथ रहना चाहती है, किंतु पत्नी क्रूरतापूर्ण बर्ताव के आधार पर मैं ने जिला कोर्ट में धारा 13 में विवाह विच्छेद की याचिका दायर की है। मैं जानना चाहता हूँ कि मेरे मकान में मेरी पत्नी या पुत्र का अधिकार है या नहीं? क्या मैं मकान को अभी या प्रकरण के चलते धन की ज़रूरत होने के कारण बेच सकता हूँ या नहीं? पत्नी और पुत्र को प्रकरण के चलते या बाद में कितना भरण पौषण लेने का हक़ है। क्या मैं अपना घर भाई या माता को हस्तांतरित कर सकता हूँ, क्योकि मेरी पत्नी मेरे परिवार को घर से बेदखल करना चाहती है।
समाधान-
किसी भी स्त्री की संपत्ति उस की निजी संपत्ति होती है और वह उसे विक्रय कर सकती है या किसी अन्य प्रकार से हस्तांतरित कर सकती है तथा वसीयत कर सकती है। वसीयत में प्राप्त संपत्ति भी निजि संपत्ति होती है उस पर वसीयत में प्राप्त करने वाले को सभी अधिकार होते हैं उसे वह विक्रय, दान वसीयत आदि कर सकता है। इस तरह आप की संपत्ति पर आप को पूर्ण स्वामित्व प्राप्त है। आप अपने उक्त मकान को विक्रय, दान आदि के द्वारा हस्तांतरित कर सकते हैं और वसीयत भी कर सकते हैं।
आप की पत्नी और पुत्र का उक्त संपत्ति पर आप के जीवनकाल में कोई अधिकार नहीं है। यदि आप अपनी संपत्ति की कोई वसीयत न करें तो आप के जीवनकाल के उपरान्त आप की पत्नी और पुत्र को उत्तराधिकार प्राप्त हो सकता है।
आप की पत्नी और पुत्र को क्या भरण पोषण लेने का हक है? उस का उत्तर अनिश्चित है। कोई भी पत्नी और पुत्र अपने पति व पिता से उतना भरण पोषण प्राप्त कर सकता है जितना उन के पिता व पति के परिवार की हैसियत के अनुरूप उन के लिए आवश्यक हो। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप की पत्नी न्यायालय में आप की मासिक आमदनी कितनी प्रमाणित कर सकती है। जितनी आप की आमदनी होगी उस का आधी राशि दोनों को भरण पोषण के लिए दिलाई जा सकती है। यह भी हो सकता है कि उस की दो तिहाई राशि तक भरण पोषण में दिला दी जाए।
THANK YOU SIRJI
AAPKI SALAH SE MERI BAHUT BADI CHINTA DUR HO GAYI HE.
मेरा पत्नी के साथ विवाद चल रहा है मेरी पत्नी मुझको कहती है की अपनी आधी संपत्ति दे मगर मेरे पास कोई संपत्ति नही जो है वह पापा की है मैने अपनी पसंद से शादी की है जिससे पापा मझे अपनी संपत्ति से बेदखल कर चुके है. मै अपने पापा से लड़ कर संपत्ति नही लेना चाहता मगर मरी पत्नी कहती है की अपने पापा से संपत्ति मांग कर मुझे दे. क्या आप यह बताने की कृपा करेंगे क़ानूनी तोर पर मुझे मजबूर कर सकती है की मै अपने पापा से संपत्ति के लिए केश करू या फिर कोर्ट यह आदेश देगा की मुझे अपने पापा से संपत्ति लेकर मेरी विवादित पत्नी को देना पड़ेगा. क्या अगर मेरे पापा व मै केश संपत्ति के खातिर केश लड़ते है तो क्या पापा को मुझे संपत्ति देना पड़ेगा सर मै बहुत कष्ट में हूँ कृपया मेरी समस्या का निदान करे
नोट – मेरी पत्नी ४ माह की गर्भवती है.