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विधवा द्वारा दत्तक लिए पुत्र के माता-पिता का नाम क्या होगा?

समस्या-

श्रीमती कमला पत्नी स्व. लालचन्द आयु 45 वर्ष थी।  कमला देवी के कोई औलाद नही थी और ना ही होने की  सम्भावना थी। कमला के  पति लालचन्द की मृत्यु हो गयी। उसके बाद  कमला ने  अपने जेठ  लक्ष्मीनारायण के लड़के धर्मवीर को हिन्दू  रीति रिवाज के अनुसार बचपन में ही गोद ले लिया। गोदनामा बना हुआ है। कमला ने अपनी सम्पत्ति का त्याग कर धर्मवीर के नाम कर दी है। पहले  सभी डाँक्यूमेन्ट मे धर्मवीर s/o लक्ष्मीनारायण के नाम से थे। अब पि.मु./दत्तक पुत्र होने के बाद भविष्य मे सभी धर्मवीर के  डाक्युमेन्ट  में क्या नाम करवाया जाए। लालचन्द की मृत्यु के बाद कमला ने धर्मवीर को गोद लिया था। अब मतदाता पहचान पत्र,  आधार कार्ड, राशन कार्ड, भामाशाह कार्ड,  बैक खाता, लाईसेन्स, सभी डाक्युमेन्ट में क्या नाम करवाया जाए जो भविष्य में पूर्ण रुप  से सही हो और कोई समस्या ना आए। कोई कहता है, धर्मवीर पि.मु./दत्तक पुत्र कमला करवा लो और कोई कहता है धर्मवीर पि.मु./ दत्तक पुत्र लालचन्द करवा लो। तो आप ही बताऐ  कि भविष्य मे क्या नाम पूर्ण रूप से सही होगा। लालचन्द की मृत्यु  के बाद कमला ने धर्मवीर को गोद लिया था। आप मुझे अपनी सही और पूर्ण सलाह  दें  कि मुझे क्या करना  चाहिए  और इसकी  प्रक्रिया भी बताएँ।

-पुरुषोत्तम शर्मा, निवासी मक्कासर, जिला हनुमानगढ़, राजस्थान

समाधान-

यह कोई समस्या नहीं है। विधवा पत्नी को संतान को दत्तक ग्रहण का अधिकार है। यह सही है कि दत्तक ग्रहण के पूर्व ही मृतक की संपत्ति उत्तराधिकार में पत्नी को प्राप्त हो चुकी होती है। लेकिन आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए विधवा द्वारा दत्तक ग्रहण की गयी संतान मृतक की ही संतान कहलाएगी। ऐसी स्थिति में पिता के नाम के स्थान पर विधवा के पति का नाम ही दर्ज होगा और माता के नाम के स्थान पर दत्तक ग्रहण करने वाली माता का नाम दर्ज होना चाहिए। दत्तक ग्रहण के पूर्व बने दस्तावेजों में परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जो दस्तावेज जैसे मतदाता पहचान पत्र,  आधार कार्ड, राशन कार्ड, भामाशाह कार्ड,  बैक खाता, लाईसेन्स आदि में नाम परिवर्तित कराया जा सकता है। इस के साथ ही भविष्य में बनने वाले विद्यालयी अभिलेख में भी दत्तक माता-पिता का नाम दर्ज कराया जा सकता है।

जहाँ तक प्रक्रिया का प्रश्न है। नाम परिवर्तन के लिए इस आशय का एक शपथ-पत्र किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष सत्यापित कराया जाए। दत्तक ग्रहण के दस्तावेज की सत्यापित प्रति और इस सत्यापित शपथ पत्र के आधार पर आप राज्य के गजट में नाम परिवर्तन की अधिसूचना प्रकाशित करवाएँ। उस के पश्चात इस अधिसूचना की कुछ प्रतियाँ आप खरीद लें।  गजट में प्रकाशित यह अधिसूचना नाम परिवर्तन का मुख्य सबूत होगा। इस के आधार पर आप सभी दस्तावेजों में और भविष्य के दस्तावेजों में दत्तक पुत्र के दत्तक माता-पिता का नाम दर्ज करवा सकते हैं।

 

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