विपरीत बयानों की प्रतिलिपियाँ ले कर दूसरे मुकदमों में प्रस्तुत करें
|समस्या-
भरतपुर, राजस्थान से रामेश्वर ने पूछा है-
मैं पिछले लेख में अपने विवाद की पूरी बात बता चुका हूँ। मैं यह जानना चाहता हूँ कि 498अ व भरण-पोषण के दोनों केसो में मेरे खिलाफ विपक्षी पक्षकार द्वारा अलग अलग बयान दर्ज कराये हैं। क्या इस स्थिति में भरण-पोषण देना होगा?
bfसमाधान-
आप ने पहले कब विवाद का विवरण दिया था, उसे तलाश करना असंभव है। इस कारण जब भी समस्या हमें भेजें तब उस का पूरा विवरण एक साथ हमें भेजें। आप के दोनों मुकदमों में विपक्षी द्वारा भिन्न भिन्न बयान दिए गए हैं उस से अधिक प्रसन्न होने की आवश्यकता नहीं है। आप ने यह नहीं बताया है कि दोनों बयानों में अलग अलग क्या है? क्या दोनों में एक दूसरे के विरुद्ध बातें कही गई हैं। यदि ऐसा है तो आप को उस का थोड़ा बहुत लाभ मिल सकता है। इस के लिए भी आप को दोनों प्रकरणों से बयानों की प्रमाणित प्रतियाँ ले कर एक दूसरे मुकदमों में प्रस्तुत करनी होंगी। अधिक अच्छा हो कि आप न्यायालयों में आवेदन के साथ ये प्रमाणित प्रतियाँ प्रस्तुत करें कि दोनों बयानों में अलग अलग बातें कही गई हैं इस कारण विपक्षी का दुबारा प्रतिपरीक्षण करना अनिवार्य हो गया। उसे रिकाल किया जाए। यदि न्यायालय विपक्षी को बुला कर प्रतिपरीक्षण करने की अनुमति देता है तो आप को उस से पुनः प्रतिपरीक्षण कर के पूछना चाहिए कि दोनों बयानों में उस ने अलग अलग बातें क्यों कही हैं? तब आप साबित कर सकते हैं कि विपक्षी मिथ्या बयान दे रही है।
हर मुकदमे में उस में हुए बयानों पर ही निर्णय निर्भर करेगा। इस कारण आप को दोनों मुकदमों में बहुत सावधानी के और पूरी तैयारी के साथ पैरवी करानी चाहिए।
सर,
aapko इस मानव सेवा के लिए बहुत-बहुत dhanyavad!