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विवाह विच्छेद का आवेदन विवाह अथवा अंतिम सहनिवास के स्थान पर ही प्रस्तुत किया जाएगा।

समस्या-

अपूर्वा पांडेय ने जबलपुर, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मेरी जन्मतिथि 30-04-1992 है, मेरा विवाह 5 मार्च 2018 को हिन्दू रीति रिवाज से संपन्न हुआ था।  विवाह के बाद सब कुछ अच्छा चल रहा था। पर अगस्त 2018 में रक्षाबंधन में मेरी पत्नी मायके गई फिर वो वापस नहीं लौटी। मायके मे मेरा साडू भाई पहले से घर जमाई रहता है। वो मेरी सास और मेरी पत्नी को मेरे खिलाफ भड़काता है और मेरी पत्नी उसी की बातों मे चल रही है।  मेरा और मेरी पत्नी का कभी कोई विवाद नहीं हुआ।  मैं अपनी पत्नी को लेने कई बार उसके मायके भी गया। पर उसने मेरे साथ आने से मना कर दिया। फिर मेरे पेरेंट्स उसको लेने गए। फिर भी वो उनके साथ नहीं आई।  फिर मैंने पुलिस अधीक्षक जबलपुर को इसकी सूचना दी और महिला परामर्श केंद्र मे सूचना दी। पर वहाँ भी वो कॉउंसलिंग के लिए नहीं आयी।  तब मैंने फैमिली कोर्ट में धारा 9 का आवेदन किया। तब कोर्ट के समन लेटर को लेने से उसने इंकार कर दिया। कोर्ट ने मेरे पक्ष मे एक तरफा फैसला कर दिया और मुझे धारा 9 की डिक्री दे दी। अभी तक मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ कोई केस या रिपोर्ट नहीं की है। पर उनके जिला न्यायालय के अधिवक्ता के माध्यम से मुझे एक लीगल नोटिस भिजवाया है। जिसमें वो लोग बोल रहे है कि मेरी पत्नी अभी नाबालिग है और आरोप लगा रहे है कि मैंने सब कुछ जानते हुए दबाव बनाकर उससे विवाह किया। अतः ये विवाह शून्यकरणीय है, और मेरी पत्नी के बालिग होने पर वो मेरे खिलाफ कार्यवाही करेंगे।  मुझे मेरी पत्नी की जन्मतिथि ज्ञात नहीं है क्योंकि विवाह सामाजिक रीतिरिवाज से संपन्न हुआ था विवाह के पहले मैं अपनी पत्नी को नहीं जानता था जो भी हुआ हम दोनों के घरवालों के पसंद से हुआ, इतना जरूर ज्ञात है कि सगाई के समय जब मैं पहली बार लड़की से मिला था तो उसने अपनी उम्र मुझे 19 वर्ष बताई थी और यहाँ तक जब बाद मैं उन लोगो ने विवाद किया और उन्होंने 100 नंबर डायल कर पुलिस बुलाई तो उसके रजिस्टर मे भी लड़की ने अपनी उम्र 19 ही लिखवाई उसमे हम दोनों ने साइन भी किये, अतः इसके अनुसार मुझे लड़की की उम्र अभी तक 19 वर्ष ही ज्ञात है, और विवाह के पहले से उसके परिवार वाले भी यही बोलते आ रहे है। मेरी माँ और मेरी पत्नी की माँ बचपन की मित्र है, मित्र होने की वजह से मेरी माँ ने उनपर बहुत भरोसा किया, और ऐसा भी हो सकता है कि लड़की की वास्तविक उम्र 19 ही हो किन्तु उसके डॉक्यूमेंट मे उसकी उम्र कम दर्शायी गयी हो, अतः मुझे इसका बारे मैं कुछ ज्ञात नहीं है। मुझे कोई उचित सलाह दे क्योंकि धारा 9 की डिक्री मैं प्राप्त कर चुका हूँ। जिसमें कोर्ट ने उसे 30 दिन के अंदर अपने विवाह संबंधों की पुनर्स्थापना के लिए आदेश दिया है। अतः क्या मुझे यदि वो 30 दिन मैं नहीं आती है तो क्या डाइवोर्स के लिए फाइल करना चाइये और यदि डाइवोर्स फाइल करना चाइये तो कहां करना चाहिये। क्या वही कोर्ट डाइवोर्स ग्रांट करेगी जिसने मुझे धारा 9 की डिक्री ग्रांट करी है। क्योंकि मैं मूलत: रहने वाला उत्तराखंड से हूँ और जबलपुर में हॉस्पिटल में डेंटल सर्जन के पद पर हूँ। मेरे वैवाहिक कारणों से मेरे कैरियर पर भी असर पड़ा है और मैनेजमेंट ने मुझे त्यागपत्र देने  के लिए आदेश दिया है तो मैं अपने गृह प्रदेश जा रहा हूँ।

समाधान-

जब आप की पत्नी ने नोटिस के माध्यम से यह जाहिर किया है कि वह विवाह को अकृत घोषित करने के लिए आवेदन करेगी। इस का अर्थ यह है कि वह अभी 18 वर्ष की नहीं हुई है। लेकिन आप को अब विवाह विच्छेद का आवेदन ही प्रस्तुत करना चाहिए। लेकिन विवाह को 5 मार्च 2018 को एक वर्ष पूर्ण होगा। उस के बाद ही आप विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। उस के पहले नहीं। दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना के लिए डिक्री पारित होने के उपरान्त यदि डिक्री की पालना में प्रत्यास्थापन न हुआ हो तो एक वर्ष पूर्ण होने के बाद ही इस आधार पर विवाह विच्छेद की डिक्री पारित की जा सकती है। वर्तमान परिस्थिति में आप के पास यदि विवाह विच्छेद का कोई अन्य आधार नहीं है तो आप विवाह विच्छेद की डिक्री के लिए आवेदन प्रस्तुत नहीं कर सकते।

हमारे विचार में आप को तुरन्त अपनी पत्नी की ओर से दिए गए नोटिस का उत्तर दिलवा कर स्पष्ट करना चाहिए कि आप ने कोई दबाव नहीं डाला बल्कि पत्नी पक्ष के द्वारा आप को धोखे में रखा गया है, और अभी भी नोटिस में उम्र नहीं बताई है। इस के अतिरिक्त आप को दाम्पत्य अधिकारों की प्रत्यास्थापना के लिए पारित डिक्री की पालना के लिए निष्पादन कराने का आवेदन करना चाहिए। इस प्रक्रिया को एक साल चलाते रहें और उस के बाद प्रत्यास्थापन न होने के आधार पर विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत कर दें।

यदि इस बीच पत्नी की ओर से विवाह को अकृत या शून्य घोषित करने का कोई आवेदन प्रस्तुत किया जाता है और उसकी सूचना आप को मिलती है तो आप उसी आवेदन में काउंटर क्लेम प्रस्तुत करते हुए अपने आधारों पर विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने की प्रार्थना कर सकते हैं।

आप विवाह विच्छेद का आवेदन केवल वहाँ प्रस्तुत कर सकते हैं जहाँ आप का विवाह हुआ है या फिर जहाँ आपने अंतिम बार साथ साथ निवास किया है।