वैकल्पिक मार्ग हो तो पड़ौसी की भूमि से आवश्यकता के आधार पर मार्ग का अधिकार नहीं मांगा जा सकता।
|समस्या-
आत्मानन्द पाण्डे ने गाजीपुर उत्तर प्रदेश से पूछा है-
यदि किसी के मकान का निकास ग्राम पंचायत की सड़क पर बिना किसी अवरोध के खोलने की सुविधा होने के बावजूद ग्राम सड़क पर निकास ना खोलकर एक दरवाजा पडौसी की जमीन की तरफ खोल कर क्या वह कानूनी रूप से पडौसी की जमीन में रास्ता मांगने का अधिकारी हो जाता है?
समाधान-
कोई भी अपनी भूमि या संपत्ति से सार्वजनिक मार्ग पर जा सकता है, संपत्ति के स्वामी तथा उस में निवास कर रहे लोगों को इस का अधिकार है। यदि किसी भूमि से सार्वजनिक भूमि पर निकास नहीं है तो वह किसी पड़ौसी से निकास की सुविधा मांग सकता है, यह उस की जरूरत है और इसे आवश्यक्ता का सुखाधिकार कहा जाता है। आम तौर पर जब पड़ौसी भूस्वामी की भूमि खाली हो और उस पर हो कर किसी ओर जाना आसान हो तो लोग सडक तक जाने का अलग मार्ग होने पर वहाँ से निकलने लगते हैं और उसे मार्ग बना डालते हैं। बाद में पड़ौसी भूस्वामी जब अपनी भूमि पर निर्माण कराना चाहता है तो ये ही लोग उस में अड़चन पैदा करते हैं कि यह तो उन का रास्ता है और इस पर से निकलना उन का अधिकार है अथवा उन्हें इस तरफ से निकलने का सुखाधिकार प्राप्त हो चुका है।
सुखाधिकार किसी भूस्वामी को पड़ौसी की संपत्ति पर लंबे उपयोग से प्राप्त होता है। लेकिन पडौसी भूस्वामी की भूमि से निकलने का आवश्यकता आधारित सुखाधिकार तभी प्राप्त हो सकता है जब कि किसी भूस्वामी के पास पड़ौसी की भूमि में हो कर जाने के अलावा सड़क तक पहुँचने का कोई अन्य मार्ग न हो। यदि उस के पास सड़क तक पहुँचने का वैकल्पिक मार्ग है तो वह किसी पडौसी की भूमि में हो कर जाने का अधिकार नहीं मांग सकता।
बहुत ही उम्दा …. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …… !! 🙂 🙂