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शारीरिक संंबंध होने और उस से संतान हो जाने मात्र से पुरुष की संपत्ति में स्त्री को कोई अधिकार नहीं मिलता।

rp_courtroom1.jpgसमस्या-

बृजलाल ने दिल्ली से बिहार राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरे मित्र अजय की 16 साल की उम्र में एक शादीशुदा औरत के साथ शारीरिक सम्बन्ध बने। अब वह 30 साल का है और शादीशुदा है और उसकी दो बेटियां भी है। समस्या यह है कि वो औरत अब ये कह रही है की उसकी एक बेटी मेरे दोस्त से बने सम्बन्ध से हुई है, और वो इस वजह से मेरे दोस्त की प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी मांगने का दावा कर रही है। क्या यह कानूनी तौर पर संभव है?

समाधान

जय के किसी स्त्री से शारीरिक संबंध बने और उस से उसे एक पुत्री उत्पन्न हो गयी। अब वह स्त्री अजय की संपत्ति में हिस्सेदारी मांगने का दावा कर रही है। विवाह हो जाने के बाद भी पत्नी पति की संपत्ति में कोई हिस्सा मांगने की अधिकारी नहीं है। वैसी स्थिति में इस स्त्री को अजय की संपत्ति में हिस्सा मांगने का कोई अधिकार नहीं है। वह किसी भी अधिकार से हिस्सा नहीं मांग सकती।

दि किसी तरह यह साबित भी हो जाए कि उस स्त्री की पुत्री का पिता अजय है तब भी वह पुत्री अजय से किसी भी प्रकार से उस की संपत्ति में किसी तरह का हिस्सा नहीं मांग सकती। क्यों कि किसी भी संपत्ति के स्वामी के जीवित रहते उस में पुत्र, पुत्री या पत्नी का कोई हिस्सा नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति की वसीयत न करे तो उस की मृत्यु के उपरान्त उस की संपत्ति हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार उत्तराधिकारियों को प्राप्त होती है। लेकिन कोई व्यक्ति अपनी संपूर्ण संपत्ति को वसीयत कर दे तो उस के पुत्र, पुत्री व पत्नी का उत्तराधिकार समाप्त हो जाता है और संपत्ति वसीयतियों को प्राप्त होती है।

स कारण आप के मित्र अजय के जीवन काल में न उस स्त्री का और न ही उस स्त्री की पुत्री का अजय की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है। यदि अजय अपनी संपूर्ण संपत्ति वसीयत कर देता है और उस स्त्री और उस की पुत्री को वसीयत में कुछ नहीं देता है तो तब भी उन्हें किसी तरह का अधिकार प्राप्त नहीं होगाष यदि अजय कोई वसीयत नहीं करता है तो पहले उस स्त्री की पुत्री को साबित करना होगा कि उस का जैविक पिता अजय है तभी वह उस की निर्वसीयती संपत्ति में कोई अधिकार प्राप्त कर सकेगी।

 

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