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संपत्ति का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम से शासित होगा।

rp_real8.jpgसमस्या-

जय चन्द मोर्य ने ग्राम मनौवा, पोस्ट खामरिया, जिला मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरे पापा ने दो शादी की है। पहली पत्नी से उन्हें एक लड़का शिवचन्द व एक लड़की हुई। फिर पहली पत्नी मर गयी उन्होंने दूसरी शादी की। दूसरी शादी से हम 3 लड़के व 3 लड़कियाँ जन्मीं। शादी के बाद शिवचन्द गुम हो गया। आज तक नहीं मिला हम बंटवारा चाहते हैं तो शिवचन्द की पत्नी कहती है कि पापा के मरने के बाद वह पूरी संपत्ति की आधी मालकिन होगी। क्या ऐसा हो सकता है? क्या पापा को अपनी वसीयत कर देनी चाहिए?

समाधान-

शिवचन्द की पत्नी गलत कहती है। कानूनी रूप से आप के पिता अपनी संपत्ति के स्वयं स्वामी हैं। वे उस संपत्ति को पूरी या उस का हिस्सा बेच सकते हैं या किसी को दान कर सकते हैं। वे अपनी वसीयत भी कर सकते हैं। यदि आप के पापा वसीयत करना चाहते हैं तो उन्हें तुरन्त अपनी वसीयत कर के उसे उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत करवा लेना चाहिए।

शिवचन्द की पत्नी सोचती है कि लड़कियों का तो कोई हिस्सा होता नहीं दो पत्नियों के दो हिस्से होंगे इस तरह आधा हिस्सा जो उस की मृत सास का होगा वह शिवचन्द का होने के कारण उसे मिलेगा। पर उस की यह सोच कानून के अनुसार नहीं है।

दि आप के पापा वसीयत नहीं करते हैं और उन का देहान्त हो जाता है तो उन की संपत्ति का विभाजन हिन्दू उत्तराधिकार कानून के आधार पर होगा। जिस के अनुसार आप छह बहन भाई दूसरी पत्नी के यदि आप की माता जी जीवित रहती हैं तो वे तथा पहली पत्नी से जन्मी बेटी व शिवचन्द कुल मिला कर 9 हिस्से होंगे। यदि आप की माताजी जीवित नहीं रहती हैं तो 8 हिस्से होंगे जिनमें से एक हिस्सा शिवचन्द की पत्नी और उस के बच्चों को मिलेगा। आप सब संतानों को भी एक एक हिस्सा प्राप्त होगा।

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