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सन्तान को कैसे दत्तक ग्रहण करें (गोद लें)?

समस्या-

राजीव कुमार ने बेला बागान, देवघर, झारखंड से पूछा है-

मेरी शादी के 10 साल हो  गये हैं! हमारी कोई सन्तान नहीं है! मेरे दोस्त ने एक लड़की के  बारे मे बताया कि  एक 17 साल की लड्की है जो माँ बनने वाली है! लड्की त्रिपुरा की रहने वाली है! बदनामी के डर से लड़की  के परिवार वाले  बच्चे के जनम के लिये वेस्ट बंगाल आये हुये हैं! बच्चे के जन्म के समय लड़की की उम्र18 वर्ष पूरी हो जायेगी! लड़री के साथ उसके पूरे  परिबार के लोग बच्चे को गोद देना चाहते हैं! क्या हम लोग गोद ले सकते हैं और इसकी  क्या प्रकिया है!

समाधान-

किसी भी बच्चे को गोद लेने के पहले यह आवश्यक है कि उसे गोद लेने वाले दम्पति (पति-पत्नी) तथा उसे जन्म देने वाले दम्पति (पति-पत्नी) की सहमति हो। उसका गोद-नामा (Adoption Deed) निष्पादित कर उसे उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत करा लिया जाए। गोद-नामा कोई भी स्थानीय वकील या डीड रायटर तैयार कर देगा और वही पंजीकरण में भी आपका सहयोग करेगा।

इस गोदनामे में समस्या बच्चे के पिता की आएगी। लड़की अविवाहित है। इस कारण जन्म प्रमाण पत्र में जन्मदाता पिता का नाम नहीं हो सकता। जन्मप्रमाण पत्र बिना पिता के नाम के बन सकता है। हालाँकि जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले विभाग वाले कुछ परेशानी खड़ी कर सकते हैं लेकिन यह कानूनी है और उसमें कोई परेशानी नहीं होगी। यदि हो तो किसी स्थानीय वकील की मदद ली जा सकती है। यदि नगर पालिका में आपके परिचित अधिकारी हों तो यह काम आसान हो जाएगा। बच्चे के जन्म के तुरन्त बाद उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवाएँ जिसमें केवल माँ का नाम हो।

जन्म प्रमाण पत्र में केवल माँ का नाम होने पर केवल माँ ही गोदनामा निष्पादित कर सकेगी और उसे पंजीकृत करवाया जा सकेगा। इस में आपको यह परेशानी हो सकती है कि बच्चे की माँ अपना नाम जन्म प्रमाण पत्र में नहीं देखना चाहे या फिर गोदनामा पंजीकृत नहीं कराना चाहे। वैसी स्थिति में ऐसे बच्चे को गोद लेना उचित नहीं होगा।

कुछ लोग आपको यह सलाह दे सकते हैं कि गोद लेने वाले माता पिता के नाम से ही अस्पताल का रिकार्ड लिखा जाए और और उन्हीं के नाम से जन्म प्रमाण पत्र भी बनवा लिया जाए और गोदनामे की परेशानी न हो। लेकिन आजकल डीएनए टेस्ट से पता किया जा सकता है कि बच्चे के असली माता पिता कौन हैं। यदि जन्मदाता माता पिता या उनमें से किसी एक के मन में बेईमानी हो तो वे बाद में गोद लेने वाले माता पिता को ब्लेकमेल कर सकते हैं और प्राकृतिक माता पिता होने के नाते बच्चे की कस्टडी मांग सकते हैं। जिससे गोद लेने वाले माता पिता भारी परेशानी में पड़ सकते हैं। इसलिए हम इस अवैध तरीके की सलाह नहीं देते और बल्कि ऐसा न करने की सलाह देते हैं।