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बिना तलाक लिए दूसरा विवाह संभव नहीं।

समस्या-

मेरा विवाह 2011 में हिन्दू रीतिरिवाज से हुआ। विवाह के इतने वर्षों बाद भी अभी तक सन्तान उत्पत्ति नहीं हुई। अनेक बार आईवीएफ करवाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। डॉक्टरों ने पत्नी के अंदर कमी बताई है। क्या इसके आधार पर तलाक लिया जा सकता है, क्या बिना तलाक लिए दूसरा विवाह किया जा सकता है? मेरा मन दत्तक पुत्र ग्रहण करने से हिचकता है? आप उपाय बताएं।

– घनश्याम पांडेय, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश

समाधान-

आप हिन्दू विवाह अधिनियम से शासित होते हैं। इस अधिनियम में जिन आधारों पर तलाक लिया जा सकता है उन में “पत्नी का सन्तान को जन्म देने में सक्षम नहीं होना” सम्मिलित नहीं है। इस तरह आप को इस कारण से तलाक नहीं मिल सकता।

आप इस आधार पर कि पत्नी सन्तान को जन्म देने योग्य नहीं है अपनी विवाहिता पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरा विवाह नहीं कर सकते। यह अवैध होगा और दंडनीय अपराध भी। इस कारण आप दूसरा विवाह भी नहीं कर सकते।

आप का मन दत्तक ग्रहण करने से हिचकता है, उसके कारण समझ नहीं आते। क्योंकि जिन कारणों से आप का मन दत्तक ग्रहण करने से हिचकता है वही कारण स्वयं की सन्तान होने पर भी उपस्थित हो सकते हैं। मुझे तो अनेक दंपति ऐसे मिले हैं जो अपनी सन्तानों के कारण यह कहते नजर आए हैं कि इस से तो निस्सन्तान होना श्रेयस्कर था। आप प्रकृति ने जो आप को दिया है उसे स्वीकार कीजिए।

आजकल वृद्धावस्था के लिए ऐसे अनेक उपाय हैं कि सन्तान न होने पर भी वह काल बेहतर तरीकों से गुजारा जा सकता है। हमारे यहाँ कुछ दंपति ऐसे हैं जो असहाय बच्चों की सहायता के लिए उपक्रम चलाते हैं। ऐसे उपक्रमो को सरकार भी सहायता करती है। ऐसे उपक्रमों की सहायता से अपना भविष्य सँवारने वाले बच्चों में अनेक ऐसे हैं जो उन्हें माता-पिता तूल्य मानते हैं और उनकी वृद्धावस्था बहुत बेहतर गुजरी है और गुजर रही है। आप को अपने जीवन के लिए निर्णय स्वयं करने होंगे।

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