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समस्या के हल के लिए अपने दोष भी देखें और दूर करने का प्रयत्न करें।

two wives one husbandसमस्या-
आगरा, उत्तर प्रदेश से विकास गुप्ता ने पूछा है –

मैं एक शादीशुदा, प्राइवेट नौकरी वाला और मीडियम क्लास फॅमिली वाला लड़का हूँ, मेरी शादी दो साल पहले पिनहाट की एक लड़की से हुई थी। लेकिन शादी के बाद लड़की के खराब व्यवहार की वजह से हम दोनों में काफ़ी बार झगड़े हो चुके हैं। एक बार मेरी पत्नी ने झगड़े की वजह से आत्महत्या करने की कोशिश भी की जिस में मैं ने उसे बचा लिया। फिर उसने अपने घर वालों को कहा कि वे उसे वहाँ से ले जाएँ। जिसके फलस्वरूप उसके पिताजी यानी मेरे ससुर जी घर आए और उसे मेरे पीछे से ले गये और दस दिन के बाद छोड़ गये। फिर उस दिन के बाद वो कहने लगी कि अब मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं। बस एक बार बच्चा हो जाने दो। (वो पहले से मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है) फिर उसके बाद मैं तुम्हे तलाक़ देकर के अपना सारा समान वापस लेकर अपने घर चली जाउंगी और कोर्ट के द्वारा तुम से हर महीने पैसे लिया करूंगी। मैं ने इस मामले में उस के घर वालों से बात करी तो मेरे ससुर ने मुझे धमकी दी कि अगर तुमने मेरी बेटी को परेशान किया तो मैं तुम्हें और तुम्हारे घर वालों को पिटवाउंगा और दहेज मुकदमा कर दूंगा जिस से तुम्हारी सारी जिंदगी जेल मे ही बीतेगी। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूँ? मेरा सवाल यह है कि क्या वह मेरी मर्ज़ी के खिलाफ तलाक़ ले सकती है? अगर पत्नी मेरे पीछे से अपने घर चली गयी तो क्या वह मेरे ऊपर तलाक़ का और घरेलू हिंसा का झूठा मुक़दमा कर सकती है। क्या मुझे उसे हर महीने पैसे देने होंगे?

समाधान-

प ने अपनी समस्या में यह तो लिखा है कि पत्नी के खराब व्यवहार के कारण हमारे बीच कई झगड़े हो चुके हैं और पत्नी एक बार आत्महत्या का प्रयास भी कर चुकी है और आप उसे बचा चुके हैं। लेकिन आप ने यह नहीं बताया है कि आप के बीच झगड़ों के आम और खास कारण क्या होते हैं? आत्महत्या का प्रयास करने के समय उस का कारण क्या था? आप ने जो समस्या रखी है वह बिलकुल एक तरफा है। यह केवल आप की ही बात नहीं है। लगभग समस्या रखने वाला व्यक्ति सामने वाले की गलतियाँ तो बताता है लेकिन बहुत कम ऐसे होते हैं जो अपनी गलतियाँ बताते हों। वैसी स्थिति में हम समस्या का कोई भी उचित समाधान बताने में असमर्थ रहते हैं।

दुनिया में कोई पति-पत्नी ऐसे नहीं हैं जिन के बीच मतभेद या व्यवहार जैसी समस्या न होती हो और उन के कारण झगड़े न होते हों। लेकिन जब दोनों में से कोई एक या दोनों अपने अपने व्यवहार को उचित बताने पर अड़ जाते हैं तो स्थिति अधिक खराब होती है। जब कि हर झगड़े के बाद यदि दोनों पक्ष सोचने लगें तो उन्हें पता लगेगा कि दोनों के कुछ दोष थे। यदि वे अपने अपने दोषों का अहसास करें और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें तो ये झगड़े आगे ही न बढ़ें।

म तौर पर हमारे घरों का माहौल पुरुषप्रधानता का है। लेकिन आज कल लड़कियाँ अपनी उपस्थिति का अहसास कराने लगी हैं और बराबरी का व्यवहार चाहती हैं। जब कि पति और उस के परिवार के लोग पत्नी से पहले जैसी आज्ञाकारिणी, चुपचाप सब कुछ सहन कर के रहने वाली पत्नी जैसा व्यवहार चाहते हैं। यदि पति और उस के परिवार वाले अपने व्यवहार को बदलने का प्रयत्न करें तो बहुत सी समस्याएँ हल हो सकती हैं।

प की पत्नी ने आत्महत्या का प्रयास किया जिस का अर्थ है कि उसे कोई न कोई गहरी तकलीफ और चोट थी। कोई भी अपना जीवन समाप्त करने का यूँ ही प्रयत्न नहीं करता। आप के ससुर जी आपकी पत्नी को एक बार ले गए। निश्चित रूप से आत्महत्या की परिस्थितियों की बात आप की पत्नी ने उन्हें बताई होगी। वे उसे फिर भी आप के पास छोड़ गए इस से लगता है कि वे भी समझते हैं कि आप उन समस्याओं को हल करेंगे। संतान हो जाने के बाद कुछ चीजें स्वयमेव भी हल होने लगती है। लेकिन फिर भी आप ने जब पत्नी की शिकायत उन से की तो उन्हों ने आप को धमकाना उचित समझा।

प की पत्नी बिना किसी वैधानिक आधार के आप से तलाक नहीं ले सकती है। लेकिन विभिन्न झगड़ों की घटनाओं के आधार पर वह क्रूरतापूर्ण व्यवहार का आधार ले कर आप से तलाक लेने का प्रयत्न कर सकती है। यह आधार प्रमाणित हो जाने पर उसे तलाक मिल सकता है। वैसी स्थिति में जब तक वह दूसरा विवाह न कर ले तब तक आप को उस के भरण पोषण की राशि उसे देनी पड़ सकती है। यदि संतान हुई तो उस के वयस्क होने तक उस के भरण पोषण की राशि भी आप को देनी पड़ सकती है।

न परस्थितियों में हमें लगता है कि आप को अपने नगर में किसी वैवाहिक काउंसलर से मिल कर अपनी समस्या को खोल कर बताना चाहिए। उस से समस्या का हल पूछना चाहिए। जरूरत पड़े तो अपनी पत्नी को भी उस से मिलवा कर उस की काउंसलिंग करवाना चाहिए। आप की समस्या इस से हल हो सकती है।

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