सेवा समाप्ति की अवैधानिकता को चुनौती दें।
|समस्या-
ऋषिकेश ने जयपुर राजस्थान से पूछा है-
मैं जयपुर के एक निजी विश्वविद्यालय में पिछले 3 वर्ष से कार्यरत था लेकिन डिपार्टमेंटल द्वेषतावश मुझे लगभग एक माह पूर्व टर्मिनेट कर दिया गया। टर्मिनेट का कोई ठोस प्रमाण उनके पास नहीं है।
क्या इस परिस्थिति में कोर्ट मुझे लेबर कोर्ट अधिनियम के तहत क्लेम दिल सकती है और अगर दिला सकती है तो लगभग कितना?
समाधान-
आप की समस्या स्पष्ट नहीं है आप को स्पष्ट करना चाहिए था कि आप किस पद पर कार्य करते थे और आप को किस प्रकार सेवामुक्त किया गया है। टर्मिनेट का सबूत उन के पास नहीं है, वाक्य से कुछ भी स्पष्ट नहीं होता है।
श्रम न्यायालय या औद्योगिक अधिकरण में केवल कर्मकारों के ही विवादों का हल हो सकता है। अध्यापक कर्मकार नहीं होते। यदि आप अध्यापक हैं तो आप को वहाँ कोई राहत नहीं मिल सकेगी। लेकिन आप अन्य स्टाफ हैं और प्रबंधकीय व सुपरवाइजरी कार्य नहीं करते थे तो आप कर्मकार हैं और श्रम कानून के अन्तर्गत कार्यवाही कर सकते हैं।
आप को गलत रूप से सेवा से पृथक किया गया है तो आप को सेवा समाप्ति को चुनौती देते हुए सेवा से पृथक करने का विवाद उठाना चाहिए और पुनः सेवा में लिए जाने व पिछले संपूर्ण वेतन व अन्य लाभों की मांग करनी चाहिए। आप जयपुर में श्री सुरेश कश्यप एडवोकेट इस मामले में आप की मदद कर सकते हैं। आप उन से 9460142114 नंबर पर संपर्क कर के समय ले कर मिल सकते हैं।