स्त्री के स्वामित्व की सभी संपत्तियाों की वह एक मात्र स्वामिनी है।
समस्या-
आलमबाग, लखनऊ से नरेश कुमार श्रीवास्तव ने पूछा है-
मेरा बेटा 12 वर्षो से अलग रहता है,,, और गलत काम करता है । मेरा मकान मेरी माँ यानी मेरे बेटे के दादी के नाम से है। वह जबरदस्ती मुझसे बेचवाना चाहता है। घर मे हक बता रहा है। मैं क्या करूँ?
समाधान-
आप का मकान आप की माँ के नाम है। आप की माताजी स्त्री हैं। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 14 के अनुसार उन के नाम जो भी संपत्ति है उस की वे एब्सोल्यूट ऑनर हैं। उन के उस मकान पर स्वामित्व में किसी का हिस्सा नहीं है। इस संपत्ति में आप का भी कोई हिस्सा नहीं है, आप के पुत्र का होना तो दूर की बात है। आप का पुत्र कोई बंटवारा नहीं करवा सकता है। यदि आप का पुत्र कोई मुकदमा करता भी है तो वह इसी आधार पर निरस्त हो जाएगा कि उस का इस संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है।
फिलहाल आप की माताजी उस संपत्ति की एकमात्र स्वामी हैं। आप की माँ उक्त संपत्ति की वसीयत कर सकती हैं, उस का दान कर सकती हैं उसे विक्रय सकती हैं। यदि वे इन में से कुछ नहीं करती हैं तो उन के बाद उक्त संपत्ति उतराधिकार में उन के पुत्रों और पुत्रियों को समान रूप से हिस्से प्राप्त होंगे। आप के पुत्र को फिर भी कुछ नहीं मिलेगा। अब आप स्वयं तय करें कि आप को क्या करना चाहिए।