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स्त्री-धन जो पिता, माता, भाई, भाभी और बहन के पास है, अमानत है और उसे लौटाने से मना करना गंभीर अपराध है।

POSTMANसमस्या-

कप्तान सिंह ने राजौरी, जम्मू कश्मीर से मध्य प्रदेश राज्य की समस्या भेजी है कि-

मेरी पत्नी के साथ धोखा हुआ है। उस की बहन बड़े भाई, भाभी और पिता ने साथ मिल कर अपने गहने सोने का हार झुमके, अंगूठी, इयर टॉप्स और सोने की चूड़ियाँ सारे सामान देने से मना कर दिया है। मेरी शादी को 10-11 साल हो गए हैं अब मेरी पत्नी बहुत दुखी है कृपया उपाय बताएँ।

समाधान

प की पत्नी के गहने जो भी उस के हैं वे पत्नी का स्त्री-धन हैं। यदि वे उस की बहन आदि के पास थे तो वे अमानत के तौर पर रखे थे। अमानत के तौर पर किसी पास रखी कोई भी संपत्ति अमानत ही होती है। यदि वह उसे देने से इन्कार करता है तो यह अमानत में खयानत है जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 406 आईपीसी में दंडनीय अपराध है। आप की पत्नी को उक्त लोगों ने यह स्त्री-धन देने से मना किया है इस का अर्थ यह है कि उन्हों ने यह अपराध किया है।

प की पत्नी चाहें तो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है, यदि पुलिस कार्यवाही करने से इन्कार करती है तो इलाके के मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सीधे परिवाद प्रस्तुत करें। बेहतर होगा कि पुलिस को रिपोर्ट करने या न्यायालय में परिवाद दर्ज कराने के पहले आप की पत्नी स्वयं या किसी वकील के माध्यम से उक्त गहनों को लौटाने के लिए एक नोटिस रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से भेजें। नोटिस की एक एक प्रतियाँ उक्त सभी व्यक्तियों को अलग अलग डाक से भेजे जाएँ। सब की डाक की रसीदें और प्राप्ति स्वीकृतियाँ अपने पास रखी जाएँ।

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