स्वंय एवं बच्चे के लिए भरण पोषण प्राप्त करने के लिए आवेदन करें।
|साहिला असलम ने हरदोई, उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मेरा पति शराब पीकर मुझको मारता पीटता था‚ मैंने उसके विरूद्ध धारा 498ए‚ 323‚ 504‚ 506 भादवि व 3⁄4 डीपी एक्ट में एफआईआर दर्ज करायी‚ मामले को सुलह एवं मध्यस्थता केन्द्र भेजा गया जहॉं मैंने अपने भविष्य के कारण सुलह कर ली परन्तु मेरे पति द्वारा अपनी हरकतों में कोई बदलाव नहीं किया गया और मुझे शराब के लिए पैसे मांगते हुए मारने पीटने लगा‚ इस कारण मैं अपने घर चली अायी लेकिन इसके बाद भी उसने अपने कुछ साथियों के साथ मेरे घर में घुसकर मुझे व मेरी माँ को मारा पीटा जिससे मेरे माँ के हाथ की हडडी अपनी जगह से हट गयी‚ मेरे द्वारा इस सम्बन्ध में धारा 452‚ 323‚ 504‚ 506‚ 498ए भादवि व 3⁄4 डीपीएक्ट में मुकदमा पंजीकृत कराया है‚ जिसकी विवेचना प्रचलित है‚ लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रह है। मैं अपने पति से छुटकारा चाहती हूँ लेकिन वह तलाक भी नहीं दे रहा है‚ मेरा एक तीन वर्ष का पुत्र भी है। कृपया मुझे सरल प्रक्रिया बताये कि मुझे उससे कैसे छुटकारा मिल सकता है एवं कितना समय लगेगाॽ
समाधान-
आप ने पुलिस के समक्ष जो शिकायत की है उस पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है या नहीं पहले यह तलाश करें। यदि पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की है तो आप एक पत्र पंजीकृत डाक से एस.पी. को प्रेषित करें जिस के साथ अपनी मूल शिकायत की प्रति भी भेजें। इस से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो कर कार्यवाही आरंभ हो जाएगी। यदि तब भी न हो तो किसी स्थानीय वकील की मदद से आप सीधे न्यायालय को परिवाद प्रस्तुत कर सकती हैं।
यदि पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली तो उन के लिए कार्यवाही करना जरूरी है। या तो वे आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे या फिर यह रिपोर्ट की कोई मामला नहीं बनता है। यदि वे मामला न बनने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे तो न्यायालय आप को सूचित करेगा तब आप अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत कर सकती हैं अपना व अपने गवाहों के बयान करवा सकती हैं जिस पर न्यायालय प्रसंज्ञान ले सकता है।
जिस तरह का आप के पति का व्यवहार है उस से आप को अलग रहने का हक मिल गया है। आप अपने पुत्र के साथ अलग रह सकती हैं। आप स्वयं अपने लिए और अपने पुत्र के लिए धारा 125 दण्ड प्रकिया संहिता में तथा घरेलू हिंसा अधिनियम में भरण पोषण के खर्चे के लिए स्वयं वकील की मदद से न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। फिलहाल आप इतना करें।। इतना सब होने के बाद आप का पति आप को तलाक देने पर विचार कर सकता है। आगे की स्थिति पर बाद में विचार किया जा सकता है।
मेरा नाम जूही कुमारी है मेरे पति itbp मैं पुलिस है मेरा शादी 2011 में हुआ था जिस से मुझे एक बेटी है जिसकी उम्र 5 साल है मेरे पति की पहले से शादी हुआ था जिसे से उसे दो बेटी है पहली पत्नी का देहांत होने के बाद मेरी उससे शादी हुई मैं पिछले 3 साल से अपने मायके में हूं और मेरा मामला कोर्ट में चल रहा है अभी मुझे मेंटेनेंस तो मिल रहा है लेकिन मेरे पति के द्वारा कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन दिया गया मेरे पति के द्वारा बार बार बोला जा रहा है ससुराल लौट जाने को , मैं आपसे जानना चाहती हूं कि अगर मैं अपने पति के घर चली जाती हूं तो क्या इससे मुझे जो मेंटेनेंस मिल रहा है वह बंद हो जाएगा और भविष्य में इसके क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होंगे यह जानना चाहते हैं | इस परिस्थिति में मुझे क्या करना चाहिए
जूही जी‚ आपकी समस्या के मुताबिक यदि आप अपनी ससुराल लौट जाती है तो निश्चित रूप से आपका पति न्यायालय में भी अवगत करायेगा कि आप उसके घर रह रही हैं एवं भरण पोषण प्राप्त करनें की प्रथम शर्त यही है कि पत्नी यदि पृथक रहती है व पति उसका पालन पोषण नहीं कर रहा है तो ही पत्नी भरणपोषण पाने की अधिकारी है‚ हालांकि इसमें यह आवश्यक नहीं कि वह अपने पति के घर में रहती है‚ लेकिन सामन्यतः यही देखा जाता है कि पत्नी को घर से निकाल कर भरणपोषण बन्द कर दिया गया है। ऐसे में यदि आप पूर्ण रूप से सन्तुष्ट हों कि आपका पति अपने घर में रखकर आपका पालन पोषण करेगा तो ही आपका अपनी ससुरालजन उचित होगा। अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें–9454670522
उक्त मामले में एफआईआर पंजीकृत है लेकिन मैं अपने पति से अलग होना चाहती हूं, इस बारे में आपने नहीं बताया है कि मैं कैसे तलाक प्राप्त कर सकती हूं। कृपया तलाक लेने का कोई विधिक तरीका बतानें का कष्ट करें।