हाथ पर हाथ धर बैठने से कुछ नहीं होगा।
प्रदीप सैनी ने चिड़ावा, राजस्थान से पूछा है-
मेरे दादाजी व पिताजी की मृत्यु 10 वर्ष पहले हो चुकी है। परन्तु अन्य परिजन अब तक मिलने वाला हिस्सा पुरा देने से इनकार करते हैं। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
भाई, हाथ पर हाथ धर कर बैठने से तो कुछ नहीं होगा। पानी पीने के लिए भी कुएँ से पानी खींचना पड़ता है, नदी तक जाना होता है या नल हो तो उस की टोंटी खोलनी पड़ती है। यदि आप चाहते हैं कि दादाजी और पिताजी की जो संयुक्त संपत्तियाँ हैं उन में से आप का हिस्सा आप को मिल जाए तो आप को बँटवारा कराना होगा। बँटवारा हिस्सेदारों की आपसी सहमति से हो सकता है या फिर न्यायालय के निर्णय से।
आप देरी मत कीजिए, तुरन्त न्यायालय में संयुक्त संपत्ति के बँटवारे के लिए वाद प्रस्तुत कीजिए। यदि संपत्ति का लाभ एक या कुछ ही हिस्सेदार ले रहे हैं तो सम्पत्ति को रिसीवर को सौंपने का आदेश भी कराया जा सकता है और संपत्ति के किसी भी भाग को हस्तांतरित करने या कब्जा हस्तान्तरित करने से रोकने के लिए स्थगन आदेश भी पारित कराया जा सकता है।