हिन्दू पुरुष की मृत्यु के उपरान्त संतानें, पत्नी और माँ निर्वसीयती संपत्ति में बराबर की उत्तराधिकारी हैं।
समस्या-
इन्दौर, मध्यप्रदेश से नगराज सिंह ने पूछा है –
मेरे पिताजी का निर्वसीयती देहांत हो गया है। अब उत्तराधिकारी में हम दो भाई और और हमारी माता जी हैं। हमारी माता जी का मानना है कि पति के मृत्यु के बाद पत्नी पति की सम्पत्ति की पूर्ण रूप से उत्ताराधिकारी हो जाती है, वह चाहे तो किसी को वसीयत कर सकती है या दान दे सकती है। मैं जानना चाहता हूँ कि मेरे पिता जी के सम्पत्ति में माता जी का 1/3 हिस्सा होगा कि वे पूरी सम्पत्ति की अधिकारी हो जाएँगी?
समाधान-
आप की माता जी का सोचना गलत है। आप के पिताजी की संपत्ति निर्वसीयती है इस कारण हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-8 के अनुसार पुरुष की सभी सन्तानें, पत्नी और उस की माता निर्वसीयती संपत्ति में बराबर के उत्तराधिकारी हैं। आप के पिताजी की संपत्ति निर्वसीयती है इस कारण आप तीनों उक्त संपत्ति के बराबर के अधिकारी हैं और आप तीनों का बराबर हिस्सा उक्त अविभाजित संपत्ति में है।
हाँ, आप की माता जी उक्त संपत्ति में 1-3 की अधिकारी हैं और इतने ही हिस्से के आप अधिकारी हैं। आप उन्हें सलाह दें कि वे किसी वकील से पूछ कर अपनी इस शंका का समाधान कर लें। यदि वकील से भी बात न बनती हो तो आप संयुक्त अविभाजित संपत्ति के विभाजन का वाद प्रस्तुत कर दें। न्यायालय के निर्णय से उन की यह शंका दूर हो जाएगी।