107 दं.प्र.सं. के प्रकरण का नौकरी पर कोई असर नहीं।
मनोज कुमार ने जौनपुर उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मेरी एयरफोर्स में नियुक्ति हो गयी है। मेरे पड़ौसी ने रंजिशवश मेरा नाम 107, 116(3) दंडप्रक्रिया संहिता के प्रकरण में लिखा दिया है क्या मेरे वेरीफिकेशन में दिक्कत आएगी? मुझे जमानत करा लेनी चाहिए या फिर वैसे ही जोइनिंग पर चले जाना चाहिए? घटना के दिन मैं कालेज में था डायरेक्टर ने वेरीफाई कर रखा है। क्या मेरी नौकरी पर कोई आँच आएगी।
समाधान-
धारा 107, 116 (3) दंड प्रक्रिया संहिता की हैं और धारा 107 में यदि किसी व्यक्ति से शान्ति भंग होने की सम्भावना हो तो उस के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है। तथा कार्यवाही के चलते रहने के दौरान उसे शान्ति बनाए रखने के लिए पाबंद किया जा सकता है। इस मामले में या तो पुलिस धारा 151 में गिरफ्तार कर व्यक्ति को एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करती है या फिर एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद दाखिल करती है जिस का समन व्यक्तियों को तामील कराया जाता है। आप के मामले में संभवतः आप को समन भेजा जाएगा।
यदि आप को समन नहीं मिला है तो आप बिना जमानत कराए ड्यूटी के लिए जा सकते हैं आप को कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन यदि आप को समन मिल गया है तो आप पर न्यायालय में तारीख पर उपस्थित होने की जिम्मेदारी आ गयी है वर्ना आप का जमानती वारंट भी निकाला जा सकता है। यदि समन नहीं मिला है तो बेहतर है आप उसे लेना टालें और पहले अपनी नौकरी जोइन करें।
यदि समन मिल ही गया है तो चूंकि आप घटना के समय कालेज में थे इस कारण आप इस कार्यवाही को निरस्त कराने के लिए सेशन न्यायालय में रिवीजन याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं, जिस से यह कार्यवाही रुक जाएगी और आप अपनी नौकरी जोइन कर सकेंगे। यह कार्यवाही किसी अपराध के संबंध में नहीं है इस कारण इस से आप की नौकरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।