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वसीयत सादे कागज पर तथा अपंजीकृत होने से अमान्य नहीं होगी . . .

वसीयत कब करेंसमाधान-
सागर, मध्यप्रदेश से भरत ने पूछा है –

क्या सादे कागज पर वसीयतकर्ता द्वारा स्वयं के हाथ से लिखी गई, वसीयत जो रजिस्टर्ड नहीं है, क्या मान्य होगी?

समाधान –

किसी भी वसीयत का किसी स्टाम्प पेपर पर लिखा जाना जरूरी नहीं है, वह सादे कागज पर लिखी हुई हो सकती है। वसीयत का पंजीकृत होना भी जरूरी नहीं है। इस तरह इन दो कारणों से किसी वसीयत को अमान्य नहीं किया जा सकता। लेकिन वसीयत के लिए कुछ जरूरी बातें हैं जो होना आवश्यक है।

सीयत करते समय कम से कम दो गवाह होना आवश्यक हैं। वसीयत पर वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर गवाहों की उपस्थिति में ही होने चाहिए।  वसीयत पर वसीयत कर्ता के हस्ताक्षर हो जाने के बाद  वसीयत के अंत में इन गवाहों के हस्ताक्षर वसीयतकर्ता की उपस्थति में करवाए हुए होने चाहिए।  यह आवश्यक है कि वसीयत करने वाला वसीयत करते समय पूरे होशोहवाश में, पूरी तरह से स्वस्थ चित्त हो और उस ने बिना किसी दबाव से स्वेच्छापूर्वक वसीयत की हो।    यदि वसीयत को प्रमाणित करने की जरूरत हो तो कम से कम एक गवाह के बयान कराने आवश्यक हैं कि वसीयत पर उस की और एक और अन्य गवाह की उपस्थिति में वसीयतकर्ता ने हस्ताक्षर किए थे तथा वसीयत कर्ता उस समय पूरी तरह स्वस्थ चित्त था और उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था।

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