समस्या समाधान के लिए समस्या का पूरा विवरण दें …
राधेश्याम सेन ने पाली, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिताजी ने अपने जीवनकाल में एक मकान बनाया। हम दो भाई, एक बहन हैं। उस का आना जाना बोलना चालना बन्द है। मुझे मार्च में लकवा हो गया पर वो ना तो मिलने आया ना ही इलाज में मदद की। अब वो सम्पति में अपने हिस्से के लिये परेशान करता है। कृपया उसका सम्पत्ति में कानूनी अधिकार और हमारे भरण पोषण में उस की कानूनी जिम्मेदारी समझावें । इस बीच उससे बोल चाल नहीं होने पर भी उसने अपनी पत्नी से ४९८ ए का झुठा मुकदमा भी करवाया जिसमें हम सभी बरी भी हो गये। क्या हम मानहानि व मानसिक प्रताडना का मुकदमा कर सकते हैं?
समाधान-
जब भी किसी मामले में सलाह लेनी हो तो उस मामले के सारे तथ्य सामने रखने चाहिए, न कि केवल प्रश्न। आप की समस्या से पता नहीं लगता कि आप के पिता जीवित हैं या नहीं, यदि पिता का देहान्त हो गया है तो कब हुआ, आप की माता जी और दादी जीवित हैं या नहीं, बहिन विवाहित है या नहीं। आप किस के भरण पोषण की बात कर रहे हैं? कुछ भी स्पष्ट नहीं है। ऐसी अवस्था में हमें किसी को भी उपाय सुझाना बहुत कठिन हो जाता है। यदि आप के माता पिता जीवित हैं तो वे आप के भाई के विरुद्ध धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता में आप के भाई के विरुद्ध भरण पोषण के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
आप के माता पिता यदि जीवित हैं तो आप के पिता का मकान पिता की संपत्ति है और उस में किसी का कोई हिस्सा नहीं है क्यों कि वह मकान आप के पिता ने स्वयं बनाया है। यदि आप के पिता का देहान्त हो चुका है और उन्हों ने कोई वसीयत नहीं की थी तो उस में आप की माताजी, दादीजी, बहिन और आप दोनोे भाइयों का समान अधिकार है। यदि आप की माता जी और दादी जी जीवित नहीं हैं तो आप तीनों भाई बहनों का उक्त संपत्ति में 1/3 हिस्सा है। आप को अपने भाई को एक तिहाई हिस्सा देना होगा। उस के लिए आप अपने भाई को कह सकते हैं कि उस का जो भी अधिकार है उस के लिए वह न्यायालय में विभाजन का वाद प्रस्तुत कर दे न्यायालय स्वयमेव हिस्सा दिला देगा।
आप के भाई की पत्नी ने आप के विरुद्ध 498 ए का मुकदमा किया जो निरस्त हो चुका है उस के लिए आप दुर्भावना पूर्ण अभियोजन का दीवानी वाद कर सकते हैं तथा मानसिक प्रताड़ना के लिए हर्जाने की मांग कर सकते हैं। उस के अलावा आप अपमान करने के लिए अपराधिक मुकदमा भी न्यायालय में कर सकते हैं।
नक्षत्र शर्मा जी
दुनिया पर तो अकेली बीवी ही भारी पड़ती है और आपने तो बीवी के बाप से पंगा लिया है अब भुगतना तो पड़ेगा ही और आप १२५ की कारवाही नहीं कर सकते है और भरण पोषण देने के लिए कोई शर्त नहीं रख सकते है वो तो आपको देना ही पड़ेगा और उस कोर्ट में भी जाना ही पड़ेगा | बेहतर होगा अब उनका भला बुरा सुन कर अपनी पत्नी को ले आये
मेरी शादी २०१० मे हुई थी. अगस्त २०१४ से मेरी पत्नी अपने पापा की बातो मे आकर वही रह रही हे. कारण यह हे की मेरी मेरे ससुर से फोन पर किसी बात पर बहस हो गई. मने पत्नी को लाने का हर प्रयास किया. फिर मेने धारा ९ के तहत केस किया तथा महिला आयोग मे भी घर बसाने और समझाने हेतु आवेदन दिया हे. अब पत्नी के वकिल का नोटिस आया हे. वो भरण पोषण की मांग कर रहे हे. मे चाहता हु की वो केस करे उसके पहले मे धारा १२५ का केस कर दु की मे उसे अपनी हेसीयत अनुसार भरण पोषण देने को तैयार हु ताकि उसके शहर मे मुझे कोर्ट ना जाना पडे और वो यहा आये क्या मे ऐसा कर सकता हु.
हम टिप्पणी में उस पोस्ट से इतर किसी समस्या का समाधान प्रस्तुत नहीं करते। कृपया इस के लिए निर्धारित रीति से अपनी समस्या निम्न लिंक पर प्रेषित करें…
https://teesarakhamba.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%82%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-2/
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.पुश्तैनी संपत्ति क्या है?
मानयवर अघुरी जानकारी के लिये क्षमाप्रार्थी हु मेरे पिताजी की मरतयु से पुरव मे ही माताजी की मरतयु हो गयी थी, सिरफ मेरे बड़े भाई, मै और एक छोटी बहन ही वारिश है ।सब १/३,१/३,१/३ के अपने अपने हिस्सों पर काबिज है । मेरे भाईसाहब के २ लडके १ लडकी है, बड़े लडके ने परेम विवाह बाक़ी ने सामाजिक विवाह किये हैं ।भाईसाहब को लकवा हो जाने से बिसतर पर है ।बडा भतीजा अलग जिले मे रहता है किसी परकार का सवांद आना जाना नही है । अभी उसकी पतनी ने सारे परिवार के सदसयो परझूठा ४९८ ए का मुकदमा भी किया जिसमे एफ आर लग गयी हैं भतीजा अपने पिता के मकान मे से हिससा मागं रहा हैं ।खरचा छोटा भतीजा उठाता है ।भाईसाहब परेशान है ।करपया सलाह दे कि उसके हिससे की कया विघिक इसतिथी है ?
भाईसाहब भाभीजी के भरण पोषण का कया होगा ?
बहू दवारा की गयी मान हानी का मुकदमा व रकम का केस कर सकते हैं ?
अनय कोई सलाह हो तो वह भी बताने की करपा करावे ।
राघेश्याम सेन: जी , आपके लेख से तो लगता है की ये संपत्ति पुस्तैनी संपत्ति है जिसमे आपका भतीजा हक़ ले सकता है पर आपका भाई अपने पुत्र से भरण पोसन पा सकता है और यदि ४९८आ का मुकदमा झूठा साबित हो चूका है तो आप मानहानि का दवा कर सकते है और यदि पुलिस के पास या न्यायालय में चल रहा है तो नहीं कर सकते है
आप की समस्या का उत्तर अलग से पोस्ट में दिया जा रहा है। कृपया प्रतीक्षा करें।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.पुश्तैनी संपत्ति क्या है?
राधे श्याम जी जहाँ तक मैं आपकी बात को समझ रहा हूँ मुझे ये लग रहा है की उकत विषय आपके भाई को लेकर है यदि आपके पिता जी जिन्दा है और उन्होंने ये मकान बनवाया है तो उसका उस मकान में फ़िलहाल कोई हिस्सा नहीं है और यदि आपके पिताजी की मृत्यु हो चुकी है और उन्होंने कोई वशियत नहीं की है तो आपके भाई को भी हिस्सा मिलेगा और झूठे मुक़दमे के मामले में आप मानहानि का सिविल और अपराधिक दोनों प्रकार का केस कर सकते है वो भी बरी होने की तिथि के 3 साल तक उसके बाद नहीं