वसीयतकर्ता की मृत्यु के समय मौजूद संपत्ति के संबंध में वसीयत प्रभावी रहेगी।
|समस्या-
नीलेश ने रॉबर्ट्सगंज, उत्तरप्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरे दादा जी जमींदार थे। सन 2001 में उन्होंने एक रजिस्टर्ड वसीयत लिखी थी। पर उसे सम्पत्ति में से आधा हिस्सा 2003 में उन्होंने ही बेच दिया। क्या यह वसीयत मान्य होगी?
समाधान-
वसीयत के संबंध में विधि यह है कि कोई भी व्यक्ति वसीयत कर सकता है। अपने जीवनकाल में उसे बदल सकता है, एक से अधिक वसीयत होने पर अन्तिम वसीयत मान्य होगी। यदि आप के दादा जी ने एक ही वसीयत की है जो पंजीकृत भी है तो वह मान्य होगी।
यदि वसीयत की गयी संपत्तियों में से कोई संपत्ति वसीयतकर्ता द्वारा विक्रय कर दी गयी है तो वैसी स्थिति में जो भी संपत्ति वसीयतकर्ता की मृत्यु के समय मौजूद होगी वह वसीयती को प्राप्त होगी। इस कारण आपके दादा जी की वसीयत उन संपत्तियों के संबंध में जो कि उन की मृत्यु के समय मौजूद थीं प्रभावी रहेगी।
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2 Comments
मेरा प्रश्न ये है कि मेरे पिताजी की पुश्तेनी खेती की जमीन थी जिसमे सभी चारो भाइयो का हिस्सा था । 2007 में नगर पालिका के द्वारा एक नोटिस जारी किया गया कि यह जमीन नगर पालिका द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अवाप्त की जा रही है और इसकी एवज में 1980000 का चेक दिया जा रहा था पर हमारे परिवार में से किसीने भी किसी भी प्रकार के नोटिस पर कोई साइन नही किया । फिर भी नगर पालिका द्वारा जबरन हमारी खेती की जमीन को अवाप्त कर लिया गया और हमारी जमीन को अपने नाम हस्तांतरण करा लिया ।
हमारे द्वारा कई कई बार बात की गई परन्तु हमेशा यही बोला गया की कुछ नही होगा अब फिर हमने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा जिसके जवाब में कलक्टर ने कहा कि आपकी जमीन वर्तमान प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर में नई है
जिस कारण राजस्थान हाईकोर्ट से हमे स्टे भी मिल गया है लेकिन में ये जानना चाहता हु की अब इस जमीन का क्या होगा क्या यह वापस हमारे नाम होगी या नही या फिर कब तक होगी ।
या आपके द्वारा उचित मार्गदर्शन बताए ।
९७८२५४६६८९
हमें खेद है कि हम कमेंट में डाली गयी समस्या का उत्तर देने में असमर्थ हैं। आपको समस्या का समाधान चाहिए तो आप वेबसाइट के मेन्यू में कानूनी सलाह लिंक को क्लिक कर खुलने वाले फार्म में अपनी समस्या प्रेषित करें।