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दादा की निर्वसीयती संपत्ति में पिता का और पिता के देहान्त के बाद उन के उत्तराधिकारी होने के कारण उन के हिस्से में आप का अधिकार है।

समस्या –

भोपाल, मध्यप्रदेश से स्वप्निल ने पूछा है –

मेरे पापा सहित कुल 5 भाई और 2 बहनें थीं जिन में से मेरे पापा सहित 2 और भाइयों का देहान्त हो चुका है। लेकिन दादी अभी जीवित है।  मेरे दादा जी ने जबलपुर में स्थित अपनी जमीन में से दो पुत्रों अर्थात् मेरे 2 बड़े पापा के नाम पर 11000-11000 हजार वर्गफुट जमीन वसीयत कर दी थी।  उनकी और भी जमीन है जो कि उन्हीं के द्वारा खरीदी गई थी और जिस की कोई वसीयत भी नहीं की है।  मेरी दादी भी दोनों बड़े पापा के लडकों को ही देना चाहती है। उसका कारण यह है कि वो घर के बड़े लड़के हैं और उन्होंने पूरी तरह से दादी को अपनी तरफ कर रखा है। में आपसे यह जानना चाहता हूँ कि क्या मेरी दादी को अधिकार हैकि वो दादा द्वारा खरीदी गई जमीन की वसीयत कर सकती है। क्या पौत्र होने के कारण मेरा कोई अधिकार है या नहीं?

समाधान-

कानूनी सलाहप के दादा जी ने जो जमीन वसीयत कर दी है वह तो उन के देहान्त के साथ ही उन के उन पुत्रों को प्राप्त हो चुकी है जिन के नाम वसीयत की गयी थी। अन्य संपत्ति अर्थात जमीन व मकान जो भी दादा के नाम हों, उन के द्वारा खरीदे गए हों और जो उन्हों ने वसीयत नहीं किये हों उन में उन के देहान्त के साथ ही उन के उत्तराधिकारियों को अधिकार उत्पन्न हो चुका है। अर्थात जितनी भी सम्पत्ति आप के दादा  ने निर्वसीयती छोड़ी है उस पर उन के उत्तराधिकारियों को समान अधिकार उत्पन्न हो गया है। आप के दादा के उत्तराधिकारियों में आप की दादी और उन के पाँच पुत्र व दो बहिनें सम्मिलित हैं जिन का उस सम्पत्ति में समान अधिकार है। इस तरह आप के दादा की निर्वसीयती संपत्ति के कुल 8 उत्तराधिकारी हैं और प्रत्येक का 1/8 हिस्सा उक्त निर्वसीयती संपत्ति में है, प्रत्येक उत्तराधिकारी निर्वसीयती संपत्ति के 1/8 हिस्से का स्वामी है।

प के पिता जिन का देहान्त हो चुका है वे भी आप के दादा जी की निर्वसीयती संपत्ति में 1/8 के स्वामी हैं। यदि आप के पिता वर्तमान में जीवित हैं तो उक्त संपत्ति के 1/8 हिस्से के स्वामी हैं। यदि उन का भी देहान्त हो चुका है तो उन के हिस्से की संपत्ति में उन के उत्तराधिकारियों का अधिकार है। उन के उत्तराधिकारियों में आप की माता जी व आप के भाई बहिन सम्मिलित हैं। इस प्रकार यदि आप के पिता जीवित हैं तो दादा की संपत्ति के 1/8 हिस्से के स्वामी हैं यदि उन का देहान्त हो चुका है तो उस 1/8 हिस्से में से उन के उत्तराधिकारियों में से प्रत्येक का बराबर हिस्सा है और आप का भी एक हिस्सा उस में है।

प यदि उक्त संपत्ति में अपना हिस्सा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप को उस के लिए उक्त संपत्ति के विभाजन के लिए दीवानी वाद उस जिले के जिला न्यायाधीश के न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा जहाँ वह संपत्ति स्थित है। इस वाद को प्रस्तुत करने के लिए मध्यप्रदेश में प्रभावी न्यायशुल्क की दरों के अनुरूप वाद प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के हिस्से की भूमि के आज के बाजार भाव से मूल्य के आधार पर न्याय शुल्क अदा करना होगा।

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