किसी भी व्यक्ति की आय पर किसी का कोई अधिकार नहीं।
|विकास चंद ने शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
क्या सरकारी सेवारत पत्नी के वेतन में पति अथवा सास ससुर का कोई अधिकार है यदि ससुराल पक्ष से इस हेतु पत्नी को प्रताडित किया जाये तो कानूनी रूप से उसकी क्या सुरक्षा हो सकती है?
समाधान-
किसी भी व्यक्ति की आय में किसी दूसरे का कोई अधिकार नहीं होता। चाहे वह पत्नी हो या पति, सास, ससुर, पुत्र, पुत्री कोई भी क्यों न हो। किसी भी व्यक्ति की आय उस की अपनी आय होती है उसे वह अपने इच्छानुसार खर्च कर सकता है या बचत कर सकता है और संपत्ति बना सकता है।
लेकिन सामाजिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति के कुछ दायित्व होते हैं। जैसे यदि पति अशक्त हो और उसे जीवन यापन के लिए खर्च की जरूरत हो तो पत्नी का दायित्व है कि वह उसे भरण पोषण के लिए पर्याप्त साधन जुटाए। जैसे एक पति का दायित्व होता है कि वह अपनी पत्नी और बच्चों का भरण पोषण करे। जैसा पिता का दायित्व बच्चों के प्रति है वैसा ही माता का भी दायित्व बच्चों के प्रति होता है। हाँ एक पुत्र वधु के प्रति न तो सास-ससुर का कोई दायित्व होता है और न ही किसी प्रकार का कोई अधिकार। पति का भी पत्नी की आय पर कोई अधिकार नहीं होता। यदि उसे किसी तरह के भरण पोषण की आवश्यकता है तो वह न्यायालय में दावा प्रस्तुत कर सकता है। न्यायालय यह तय करेगा कि वास्तव में उसे पत्नी से भरण पोषण की आवश्यकता है या नहीं है।
यदि इस हेतु पत्नी को प्रताड़ित किया जाता है तो यह सीधे सीधे घरेलू हिंसा का मामला है पत्नी तीनों के विरुद्ध घरेलू हिंसा से महिलाओं के बचाव के कानून के अन्तर्गत कार्यवाही कर सकती है। यह कार्यवाही इस बात पर निर्भर करती है कि पत्नी को क्या राहत चाहिए। यदि यह हिंसा धारा 498ए के दायरे की हुई तो पत्नी धारा 498ए में भी पति और सास-ससुर के विरुद्ध शिकायत दर्ज करा सकती है।
आप ने अत्यन्त ही संक्षेप में अपनी समस्या रखी है, जो सैद्धान्तिक है। यदि आप ने समस्या का वास्तविक स्वरूप और परिस्थितियाँ भी सामने रखी होतीं तो हम उस का समाधान अधिक स्पष्ट आप को सुझा सकते थे।
Sir,
Yadi pati ke pas jivika ke sadhan na ho aur patni ke pas ho to pati 125 crpc ke tahat bharan poshan PA sakta hai ya nahi. Aur kya putr ki vidva to apne sasur se bharan poshan PA sakti hai yadi uske pas jivika ke sadhan na ho.
यश भाई, आप विशिष्ट समस्या बताएँ तो उस का समाधान हम बता सकते है। यूँ तो कानून में बहुत उपाय हैं। लेकिन १२५ में केवल पत्नी, संतानें और माता पिता ही आवेदन कर सकते हैं, पु्त्र वधु, पति या सास ससुर नहीं। इस कारण १२५ दंड प्रक्रिया संहिता में यह आवेदन पोषणीय नहीं हैं। उस के लिए उपाय हिन्दू दत्तक एवं भरण पोषण अधिनियम में तलाश करने पड़ेंगे। पुत्र वधु उस अधिनियम में भी केवल तभी भरण पोषण का अधिकार रखती है जब कि किसी अविभाजित संपत्ति में उस के पति का हिस्सा हो।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.बच्चे की अभिरक्षा के लिए न्यायालय बच्चे का हित देखेगा।
महोदय
क्या पत्नी के विरूद्ध धरा १२५ में केस किया है जा सकता है ?
नहीं किया जा सकता। इस धारा के अन्तर्गत पत्नी, सन्तान और माता-पिता ही आवेदन कर सकते हैं।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.किसी भी व्यक्ति की आय पर किसी का कोई अधिकार नहीं।