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पारिवारिक न्यायालय के नोटिस/ समन की तामील व्यक्तिशः ही करायी जा सकती है।

समस्या-

मैं इंदौर मध्यप्रदेश में प्राइवेट जॉब करता हूँ।  मेरी शादी बांदा उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013 में हुई है। अभी लगभग 10 दिन पहले बांदा उ.प्र. फैमिली कोर्ट से  नोटिस आया था। जिसे पोस्टमॅन ने मेरी अनुपस्थिति में घर पर नहीं दिया। कोविद 19  की वजह से मैं अपने होम टाउन अभी नहीं पहुँच सकता यदि कोर्ट नोटीस 1-2 बार वापस चली जाती  है तो मेरे विरुद्ध क्या कार्यवाही होगी और मेरे केस पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा। नोटिस ऑनलाइन भी निकल सकती है क्या। क्या मैं वह कोर्ट नोटिस अपने ऑफीस के पते पर मंगा सकता हूँ, ताकि मुझे पता चल सके कि नोटीस में क्या लिखा है? और मैं सुनवाई में पहुँच सकूँ।

– संजय चौरसिया, संजय चौरसिया, रीवा, मध्यप्रदेश, हाल इन्दौर, मध्यप्रदेश

समाधान-

आप नौकरी के कारण अपने गाँव, कस्बे, नगर से दूर किसी अन्य नगर में निवास करते हैं और स्वयं उसे प्राप्त करने में असमर्थ हैं या नोटिस की तामील के समय दिए गए पते पर उपलब्ध नहीं रहते हैं तो आम तौर पर जो भी नोटिस या समन अदालत से आता है वह परिवार के किसी वयस्क सदस्य को तामील किया जा सकता है। सामान्य परिस्थितियों में जब तक अदालत से भेजी गयी डाक जब तक परिवार के किसी वयस्क सदस्य को दे दी जाती है तो उसे नोटिस/ समन की तामील मान कर अदालत एक तरफा सुनवाई आरम्भ कर सकता है।  

लेकिन यदि मामला पारिवारिक न्यायालय का है तो उसके मामले में पारिवारिक न्यायालय कानून में यह प्रावधान है कि नोटिस/ समन जिस व्यक्ति के नाम का हो उसे ही व्यक्तिशः तामील किया जाए। किसी अन्य व्यक्ति को नोटिस/ समन दे दिए जाने पर उसे तामील नहीं कहा जा सकता है। इसी कारण डाकिये ने नोटिस समन आपके किसी परिजन को देने से इन्कार कर दिया है।

आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को जब तक नोटिस/ समन दे नहीं दिया जाता है तब तक आपको किसी तरह की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मामलों में नोटिस/ समन आपके नियोजन कार्यालय का पता न्यायालय को देने का दायित्व उस पक्षकार का है जिसने न्यायालय में आपके विरुद्ध आवेदन/ वाद संस्थित किया है। इस कारण आप निश्चिन्त रह सकते हैं।

अभी लॉकडाउन के दौरान कोई भी न्यायालय सामान्य सुनवाई नहीं कर रहा है। केवल आवश्यक सुनवाई ऐसे मामलों में हो रही है जिनमें तुरन्त किसी काम को रोके जाने का आदेश पारित करने अथवा जमानत देने जैसे काम ही किए जा रहे हैं। ऐसी  परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध एक तरफा कार्यवाही होने की कोई संभावना नहीं है। जब लॉकडाउन समाप्त हो जाए और आपको लगे कि आप के विरुद्ध अब कोई कार्यवाही न्यायालय द्वारा की जा सकती है। तब आप संबंधित अदालत में स्वयं या किसी प्रतिनिधि को भेज कर पता कर सकते हैं कि आगामी तारीख पेशी क्या है और उस पेशी पर उपस्थित हो कर कार्यवाही में सम्मिलित हो सकते हैं।

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