खरीदी हुई संपत्ति को पुश्तैनी स्वीकार न करें।
महेन्द्र कुमार देवांगन ने छुरी, कोरबा, छत्तीसगढ़ से पूछा है-
मेरे नानाजी का एक मकान है जिसमें उन की बड़ी पुत्री (मेरी माँ) मैं और मेरी पत्नीरहते हैं। हम यहाँ लगभग २५ साल से रह रहे है। नानाजी की चार और लड़कियाँ हैं।चारों लड़कियों के साथ मेरे नानाजी का सम्बन्ध ठीक नहीं है। इस कारण नानाजीने अपना मकान मेरे (बड़ी पुत्री के पुत्र) नाम पर बिक्री कर दिया है। मेरे नाम से ऋण पुस्तिका भी बन गया है। अब नानाजी की चारों लडकियां मुझ सेऔर नानाजी को लड़ते और मारपीट करते हैं और कहते हैं कि ये जमीन पैतृक है। इस की चाहे रजिस्ट्री करा लो या खरीदी बिक्री कर लो इसका हिस्सा हम ले कररहेंगे। अगर नहीं तो फिर हम सब तुझे और बाबूजी को इस घर से निकाल देंगे औरहम सब यहाँ कब्ज़ा जमायेंगे। ऐसा बोलते है और मारपीट भी करते हैं। थाना जानेपर उन के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही नहीं की जाती है। एप्रोच के दम पर पुलिसवालों को खरीद लेते है और कुछ भी कार्यवाही नहीं होती। हम सबपरेशान हैं। मैंने जो नानाजी का मकान ख़रीदा है उसका तीन हिस्से में से एक हिस्सापैत्रृक है। 1/3 भागनानाजी के पिता की है। जिसे नानाजी ने अपनेपिताजी से खरीदा था, लेकिन इस का केवल स्टाम्प में ही लिखा पढ़ी हैइस कीरजिस्ट्री नहीं हुई थी। अभी हाल ही में नानाजी की लड़कियों ने केस दायर किया है। कृपया उपाय बताएं कि क्या उस मकान का हमारे नाम सेबिक्री होने बावजूद वे बटवारा ले सकती हैं? मेरे घर में आकर डरातेधमकाते हैं, हमें घर से निकलने का प्रयास करते हैं और अपने हाई एप्रोच की बातकरते है? इसका क्या उपाय है?
समाधान-
आप ने जो विवरण संपत्ति का दिया है उस से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि संपत्ति पुश्तैनी है अथवा स्वअर्जित है। लेकिन जैसा आप कह रहे हैं कि संपत्ति का दो तिहाई हिस्सा नानाजी का स्वअर्जित है और एक तिहाई पुश्तैनी है। एक तिहाई हिस्सा जिसे आप पुश्तैनी कह रहे हैं वह भी नानाजी ने अपने पिता से खरीद किया है। इस तरह पूरी संपत्ति आप के नानाजी की स्वअर्जित संपत्ति है तथा संपत्ति का कोई भी हिस्सा पुश्तैनी नहीं है। वैसे भी किसी संपत्ति को पुश्तैनी साबित करना बहुत कठिन है और पुश्तैनी संपत्तियाँ देश में बहुत कम रह गई हैं।
आप के विरुद्ध बँटवारे का जो दीवानी वाद किया गया है उस में आप कोई अच्छा दीवानी वकील नियुक्त कीजिए। सब से बड़ी बात तो यह है कि आप के विपक्षी मकान को पुश्तैनी संपत्ति कह रहे हैं। इस संपत्ति को पुश्तैनी साबित करने की जिम्मेदारी भी उन की है। इस कारण आप इस संपत्ति को या उस के किसी हिस्से को किसी भी स्थिति में पुश्तैनी स्वीकार न करें और स्पष्ट रूप से कहें कि यह संपत्ति पुश्तैनी नहीं है आप की स्वअर्जित संपत्ति है तथा आप ने नानाजी से खरीदी है तथा उन से खरीदी गई सम्पूर्ण संपत्ति भी उन की स्वअर्जित थी। यदि आप ने कहीं भी मकान को या उस के अंश को पुश्तैनी स्वीकार कर लिया तो फिर आप फँस जाएंगे।
जहाँ तक धमकी देने का प्रश्न है तो धमकी तो कोई भी दे सकता है। यदि मारपीट की जाती है तो आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराइए। पुलिस नहीं सुनती है तो न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कीजिए। बँटवारे के वाद में भी आप अस्थाई निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आप के विपक्षियों को संपत्ति से आप को बेदखल करने पर रोक लगाने का आदेश पारित करवा सकते हैं।