मियाँ बीवी राजी, फिर भी शादी कैसे करें?
नीतिश ने बैतूल, मध्य प्रदेश से पूछा है-
मैं धनगर पाल समाज से हूँ साहु समाज की लड़की से कोर्ट मेरिज करना चाहता हूँ। ना लड़की के माँ बाप तैयार हैं और ना ही मेरे। लड़की हर बात में राजी है। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
बहुत मासूम सवाल है आप का। हमारे यहाँ कहावत है, मियाँ बीवी राजी तो क्या करेगा काजी। हमारा देश एक जनतांत्रिक देश है। वयस्क स्त्री-पुरुषों को अपनी इच्छा से आपसी सहमति से विवाह करने का अधिकार है। जब स्त्री और पुरूष आपस में सहमत हो कर विवाह करना चाहें तो किसी को उन्हें रोकने का अधिकार नहीं है। फिर आप को चिन्ता क्यों हो रही है? यदि चिन्ता हो रही है तो आप की चिन्ता क्या है? आप को अपनी चिन्ताओं को इस प्रश्न में खोल कर रखना चाहिए था। आप अपनी चिन्ताएँ छुपा कर क्या सलाह चाहते हैं? बीमारी या वे लक्षण जिन से रोगी को सामान्य जीवन जीने में परेशानी हो रही है खोल कर बताए बिना कोई डाक्टर रोगी का इलाज कैसे कर सकता है?
हम समझते हैं कि वयस्क स्त्री पुरुषों का आपसी सहमति और रजामंदी से विवाह करने का अधिकार केवल किताबी है। जो माता पिता और संबंधी आप से प्रेम करते हैं आप को उन्हीं का भय सता रहा है कि वे आप को विवाह न करने देंगे। फर्जी रिपोर्टें पुलिस को करवाएंगे, फिर पुलिस आप के पीछे पड़ जाएगी। आप को किसी अपराध में हवालात में बन्द कर देगी। लड़की को पकड़ कर उस के मां बाप के सुपूर्द कर देगी। फिर लड़की को माँ बाप की अभिरक्षा में माँ, बाप, भाई और रिश्तेदार टार्चर करेंगे कि उन्हों ने जो रिपोर्ट पुलिस को दी है उस का समर्थन कर बयान दे कि लड़का मुझे बहला फुसला कर ले गया और मेरे साथ बलात्कार किया। वगैरा वगैरा। यही चिन्ताएँ आप के दिमाग में होंगी।
इन चिन्ताओं का कोई इलाज नहीं है। आप दोनों को विवाह करना है तो पहली शर्त ये है कि आप दोनों या दोनों में से कम से कम एक अपने पैरों पर खड़ा हो और उस की आमदनी इतनी हो कि परिवार को चला सके। यदि दोनों आत्मनिर्भर हों तो सब से बेहतर है। क्यों कि इन सब से लड़ने के लिए धन भी चाहिए, हिम्मत भी। फिर एक अलग निवास की व्यवस्था करें। उस के बाद आप दोनों मिल कर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की नजदीकी बैंच में रिट आवेदन दीजिए कि आप दोनों विवाह करना चाहते हैं और आप दोनों के मां बाप और परिजन आप के इस विवाह को पसंद नहीं करते और विवाह में रोड़ा अटकाएंगे और पुलिस उन की मदद करेगी। इस कारण जिला कलेक्टर कम विवाह पंजीयक को निर्देश दिया जाए कि आप के विवाह को पंजीकृत करे और पुलिस को निर्देश दिया जाए कि विवाह होने और उस के बाद सब कुछ सामान्य होने तक आप दोनों को सुरक्षा प्रदान करे। ऐसा आदेश प्राप्त कर लेने के उपरान्त आप जिला कलेक्टर कम जिला विवाह पंजीयक के कार्यालय में विवाह के पंजीयन के लिए आवेदन कीजिए जहाँ आवेदन के 30 दिन के बाद आप अपना विवाह संपन्न करवा कर उस का पंजीयन प्रमाण पत्र प्राप्त करें और साथ रहना आरंभ कर सकते हैं। यदि आप में समाज के लोगों से यह लड़ाई लड़ने की हिम्मत और आत्मनिर्भरता नहीं है तो यह विवाह करने का इरादा छोड़ दीजिए।
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हिन्दू विधि में सहमति से विवाह विच्छेद
स्त्री से उसका स्त्री-धन वापस प्राप्त करने का विचार त्याग दें।
स्वयं के स्वामित्व की संपत्ति के विक्रय के लिए परिजनों की सहमति की आवश्यकता नहीं।
आपसी समझ बना कर वैवाहिक समस्या का समाधान तलाशने का प्रयत्न करें।
परस्पर विश्वास नहीं तो विवाह विच्छेद ही सर्वोत्तम हल है।
बच्चे की अभिरक्षा के लिए न्यायालय बच्चे का हित देखेगा।
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