रास्ते को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए घोषणा और निषेधाज्ञा का वाद संस्थित करें।
|समस्या-
राधेश्याम ने गांव खुर्द, तहसील सिंगोली, जिला नीमच (मध्यप्रदेश) से पूछा है-
मेरी गांव से लगी हुई कृषि भूमि है। जिसमें हमारा बटवारा दादा परदादा द्वारा वर्षों पूर्व बराबर हिस्से में किया जाकर खेत का रास्ता किसी एक के हिस्से वाली जमीन से निकाला था। हमारे हिस्से की जमीन में गांव की तरफ हमारा मकान जो भी 30-40 वर्षो से बना हुआ है। अब मेरे खेत से जाने वाले रास्ते को अवरुद्ध किया जा रहा है और मेरे पास इस खेत पर जाने का विकल्प भी नही है। कृपया उचित सलाह दे।
समाधान-
आप अपने हिस्से की भूमि पर काबिज हैं और जिस रास्ते से वर्षों से, कम से कम 20 वर्षों से आ-जा रहे हैं उस पर आपका सुखाधिकार है। कृषि कानूनों के अन्तर्गत भी आपको उस रास्ते से आने-जाने का अधिकार है। आपका रास्ता बन्द नहीं किया जा सकता है। यदि कोई इस मार्ग को बन्द करता है या आपके आने जाने में बाधा उत्पन्न करता है तो यह अवैधानिक है। यदि कोई आपको बलपूर्वक रोकता है तो यह अपराध है इसके लिए आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।
रास्ते का अधिकार बनाए रखने के लिए जो लोग आपका रास्ता अवरुद्ध कर रहे हैं उनके विरुद्ध राजस्व न्यायालय में घोषणा एवं निषेधाज्ञा का वाद प्रस्तुत करना पड़ेगा जिस में आप यह मांग कर सकते हैं कि जिस मार्ग से आप 20 वर्षों से अधिक से आ जा रहे हैं उस पर आपका सुखाधिकार है और यह रास्ता बंटवारे के समय ही तय हो गया था, इस कारण मार्ग अवरुद्ध करने वालों के विरुद्ध आपके सुखाधिकार की घोषणा एवं मार्ग अवरुद्ध करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा की डिक्री पारित की जाए। इस वाद के साथ आपको अस्थायी निषेधाज्ञा का आवेदन भी देना होगा जिससे तुरन्त रास्ता अवरुद्ध न करने के लिए निषेधाज्ञा जारी कराई जा सके।
इस वाद में आपको मार्ग अवरुद्ध करने वालों के साथ साथ राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाना पड़ेगा क्यों कि खेती की भूमि की स्वामी वही है। कृषक केवल टीनेण्ट है। इसके लिए आप तुरन्त किसी अच्छे दीवानी व राजस्व की प्रेक्टिस करने वाले वकील से मिलें और वाद संस्थित कराएँ।