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हक-त्याग विलेख से ही सह-स्वामी के हिस्से का स्वामित्व आप का हो सकता है।

समस्या-

माधव पाटील ने पांढुरना, जिला छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश से पूछा है-

मेरे दादाजी के नाम से आबादी क्षेत्र में पैतृक मकान है। जिनके दो पुत्र थे, उनकी तथा उनके पत्नियों की मृत्यु हो चुकी है। वारसान के नाम पर 8 पोते पोतियां है। मेरे नाम से नगरपालिका में पृथक रूप से नामांतरण के लिए 5 लोगो की सहमति ले ली है, मुझे पकड़कर 6 लोगो के हिस्से में जो मकान आता है वह नामांतरण करना चाहता हूँ। जिन दो लोगो ने सहमति नही दी उनके हिस्से का मकान पृथक छोड़ दिया हूँ। क्या इस आधार पर 6 लोगों के हिस्से के मकान का मेरे नाम से पृथक रुप से नगरपालिका नामांतरण संभव है?

समाधान-

नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों में संपत्ति का रिकार्ड होता है। उस में संबंधित संपत्ति के स्वामी के रूप में नाम अंकित होता है। यदि स्वामी का देहान्त हो जाए तो उस के जितने भी वारिस होते हैं उन के नाम संयुक्त रूप से रिकार्ड में दर्ज कर दिए जाते हैं। यही सामान्य और सही प्रक्रिया है। लेकिन अनेक बार लोग अपने सहस्वमियों से अनापत्ति लिखवा लेते हैं और उस आधार पर अनापत्ति लिखने वाले लोगों का नाम हटा कर शेष लोगों का नाम नामान्तरण में दर्ज कर दिया जाता है। लेकिन यह गलत है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का निर्णय है कि नगरपालिका के रिकार्ड में नामांतरण स्वमित्व का प्रमाण नहीं है।

वास्तविकता यह है कि किसी भी संपत्ति के स्वामी की मृत्यु हो जाने पर उस की संपत्ति उत्तराधिकार के कानून या वसीयत के अनुसार उस के उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो जाती है और एक संयुक्त संपत्ति के रूप में परिवर्तित हो जाती है। अब किसी भी संपत्ति के अनेक हिस्सेदार हैं और एक या अधिक हिस्सेदार अपना हिस्से की संपत्ति पर अधिकार किसी खास व्यक्ति के या शेष व्यक्तियों के हक में त्याग देना चाहते हैं तो यह हक त्याग केवल एक पंजीकृत डीड के माध्यम से ही हो सकता है। इसलिए यदि कोई किसी स्थावर संपत्ति में अपने हिस्से का किसी अन्य के हक में त्याग करता है तो उसे हकत्याग विलेख निष्पादित कर संबंधित उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत करवाना चाहिए।

आप यदि 5 हिस्सेदारों की अनापत्ति से तथा एक आप के हिस्सा मिला कर 6/8 मकान का नामान्तरण अपने नाम करवा भी लेते हैं तो भी उस से आप को मकान के 6/8 हिस्से का और सभी 7 लोगों की अनापत्ति करवा कर पूरे मकान का नामान्तण अपने नाम करवा भी ले तो भी पूरे मकान का स्वामित्व प्राप्त नहीं होगा। संपत्ति संयुक्त ही बनी रहेगी। बेहतर है कि जिन लोगों से आप अनापत्ति प्राप्त कर ली है उन से उन के हिस्से की रिलीज डीड अपने नाम निष्पादित करवा कर उस के आधार पर नामान्तरण करवाएं। उस के बाद यदि शेष दो लोग जो आपत्ति कर रहे हैं वे बंटवारा करवा सकते हैं जिस में आप उन के हिस्से को खऱीद कर पूरे मकान के स्वामी बन सकते हैं।