आप अपनी शर्तें जोड़ कर पत्नी के तलाक प्रस्ताव को स्वीकार करने की सूचना उसे दे दें।
|समस्या-
दिल्ली से राकेश ने पूछा है –
मेरी पत्नी अपनी बहन की बातो में आकर मुझ से तलाक चाहती है। क्यों कि उसे लगता है कि मेरा किसी अन्य स्त्री के साथ संबंध है। विवाह को 13 वर्ष हो चुके हैं। मेरे दो बच्चे हैं, जिस में एक पाँच वर्ष का बेटा ऑटिस्टिक है। मैं ने 2010 में पत्नी के नाम से एक मकान लिया था। मुझे घर भी नहीं आने दे रही है। पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज करवा धी है। मैं तलाक नहीं चाहता। मुझे क्या करना चाहिए¿
समाधान-
आप को सब से पहले तो घर का मोह त्याग देना चाहिए। जिस दिन आप ने पत्नी के नाम से घर खरीदा था उसी दिन आप को सोच लेना चाहिए था कि यदि पत्नी आप को घर से निकाल देती है तो चुपचाप निकल जाउंगा। यदि ऐसा नहीं सोचा था तो घर पत्नी के नाम से ले कर आप ने गलती की थी। अपनी गलती की कोई क्षतिपूर्ति नहीं होती। उस क्षति को सहन करना होता है।
आप की पत्नी यदि घर नहीं आने देती है तो वह उस का घर है। इस का अर्थ है कि आप कहीं तो रह रहे होंगे। यदि आप का यह आवास अस्थाई है तो फिर आप कुछ वर्षों के लिए स्थाई आवास की व्यवस्था कर लीजिए। क्यों कि जल्दी आप को अपना घर वापस नहीं मिलने वाला है। हो सकता है कभी भी न मिले।
आप अपनी पत्नी का तलाक का प्रस्ताव स्वीकार कर लीजिए, लेकिन उस के साथ अपनी शर्तें रखिए। मकान जिस में वह रह रही है वह आप ने अपने पैसों से खरीदा है वह उस के पास रहेगा आप कभी भी उस पर दावा नहीं करेंगे। दोनों बच्चे सदैव पत्नी के पास रहेंगे। उन की देखभाल पत्नी ठीक से करेगी और उन के लिए जीवन में कभी भी भरण पोषण का खर्चा नहीं मांगेगी। पत्नी कभी भी उस के अपने लिए गुजारा भत्ता नहीं मांगेगी। इस के अलावा जो भी संपत्ति आप के पास है उस में न पत्नी का और न ही बच्चों का कोई अधिकार होगा। आप की पत्नी सोचती है कि आप से अधिक उस की बहिन उस की हितैषी है तो उसे कहिए कि जब भी किसी तरह की आर्थिक व सामाजिक मदद की जरूरत हो वह आप से अपेक्षा न करे। उस के साथ उस की बहिन है ही। जो पुलिस रिपोर्ट उस ने कराई है उन्हें वह वापस ले। इन शर्तों के साथ आप तलाक का प्रस्ताव स्वीकार करने की सूचना पत्नी को दे दें।
मेरा सोचना है कि इन शर्तों को रखने के बाद आप की पत्नी सोचेगी कि उसे क्या करना है? एक बार पत्नी सोचने को बाध्य हो जाए तो आप की समस्या का हल निकलना आरंभ हो जाएगा। आप चाहें तो इतना करने के उपरान्त यदि परिस्थितियों में परिवर्तन आता है तो आप पुनः तीसरा खंबा पर अपनी समस्या को रख सकते हैं।