किराएदारी समाप्त कर दुकान खाली कराई जा सकती है।
समस्या-
मेरे पिताजी ने एक दुकान 500 रूपये प्रतिमाह किराए पर तीस साल पहले किराये पर दी थी। अब उस किरायेदार ने यह दुकान हमारी बिना मंजूरी के किसी दूसरे को किराये पर दे दी। नया किरायेदार वहाँ दुकान के सामने आम रास्ते पर ही मोटर गेराज चलाता है तथा आम रास्ते पर ही मोटर गाड़ियों का काम करके न्यूसेन्स करता है। इसे कैसे रोका जाए? क्या दूकान खली करवाई जा सकती है और इस प्रकार के काम को रोका जा सकता है।
– मनोज कुमार, झुन्झुनूँ रोड, नवलगढ़, जिला झुन्झुनूँ (राजस्थान)
समाधान-
यदि आप केवल न्यूसेंस हटाना चाहते हैं तो यह पब्लिक न्यूसेंस है और इसके लिए एसडीएम के न्यायालय में आप धारा-133 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत आवेदन दे सकते हैं। सुनवाई के उपरान्त न्यायालय न्यूसेंस हटाने का आदेश दे सकता है जिस की पालना पुलिस के माध्यम से करवाई जा सकती है।
यदि आप अपनी दुकान खाली करवाना चाहते हैं तो राजस्थान रेंट कंट्रोल एक्ट-2001 के अंतर्गत किसी परिसर को किराएदार द्वारा सबलेट करना अर्थात उप-किराएदारी पर देना या किराए पर दिए गए पूरे परिसर अथवा परिसर के किसी भाग को किसी दूसरे के कब्जे में दे देना परिसर को खाली कराने का उचित आधार है।
लेकिन आप की दुकान किसी जिला मुख्यालय पर स्थित नहीं है तो वहाँ राजस्थान रेंट कंट्रोल एक्ट-2001 प्रभावी नहीं है वहाँ परिसर खाली कराने के लिए आपको पहले संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा-106 के अंतर्गत एक नोटिस दे कर किराएदारी समाप्त करनी पड़ेगी। किराएदारी समाप्त होने की तिथि जो मासिक किराएदारी के मामले में किराएदार को नोटिस मिलने की तिथि से कम से कम 15 दिन बाद की होना आवश्यक है व्यतीत हो जाने के बाद आप परिसर खाली कराने का वाद दीवानी न्यायालय में संस्थित कर सकते हैं। इस के लिए आप को किसी दीवानी मामलों के अच्छे अनुभवी वकील से संपर्क कर के वाद संस्थित कराना चाहिए।