केवल आत्मनिर्भर होना ही स्त्री के भविष्य की गारण्टी हो सकती है …
|समस्या-
नोएडा से नदीम अहमद खान ने पूछा है-
मेरी बहन का विवाह ११ साल पहले हुआ था लड़का ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था और अपने पिता के साथ ही काम करता था उनका देवबंद में स्कूल और कॉलेज है। हमने उनसे कहा के अगर कुछ ऊँच नीच हो गयी तो कौन जिम्मेदार होगा, लड़के के पिता ने कहा में पूरी तरह से मैं लड़के की तरफ से जिम्मेदार हूँ। शादी के कुछ दिनों के बाद से ही लड़का मेरी बहन से साथ बुरी तरह से मार-पीट करता आ रहा है अगर उससे पहले खाना कटे वक्त रोटी तोड़ ली तो लड़ने लगता है कि हम पुरूष प्रधान है और तू हमसे पहले रोटी नहीं तोड़ सकती, अगर घर में कुछ चीज़ इधर उधर हो जाये तो हिंसक तरीके से बर्ताव करता है। शादी के बाद हमें पता चला कि उसको पागलपन का मेडिकल सर्टिफिकेट मिला हुआ है कहता है कि अगर में खून भी कर दूं तो मेरा कुछ नहीं बिगड सकता अगर लड़की अपने घर फोन पर बात करती है तो छुरी ले के खड़ा हो जाता है। एक बार मारपीट में लड़की की ऊँगली तोड़ दी जिसका डॉक्टर से उनके बाप ने इलाज कराया, दो बार घर से बाहर निकाल दिया लड़की दो तीन बजे तक घर से बहार सड़क पर अकेली रही और आप सो गया। आये दिन न जाने कितनी बार बिना बात के लड़की के झापड और उसका सर दीवार से दे दे के मारता है।
इधर जब से ही उसका सम्बन्ध किसी और लड़की से भी है। हमने उसके पिता से बात की तो उन्होंने बताया के लड़के ने मेरे उपर भी हाथ उठाया है मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। बहन का एक लड़का भी है १० वर्ष का। अब हम लड़की को अपने घर ले आये हैं। जब हमने लड़के से और उसके पिता से लड़की के एक्स रे रिपोर्ट और मेडिकल पेपर, और डॉक्टर की प्रेस्क्रिप्शन मांगी तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। लड़के का बाप तो काफी हद तक ठीक है। लेकिन उस की माँ और बहनें आये दिन लड़ती है, अब हमें बताये कि हम लड़के के खिलाफ क्या क्या कर सकते हैं। हम पूरा खर्चा बहन का, बहन के लड़के का, रहने के लिए मकान वगैरा चाहते हैं। कृपया कर के हमें दिशा दें हम देहली में रहते है और लड़का देवबंद सहारनपुर का है। रूपये पैसो की लड़के वालो के पास कोई कमी नहीं है।
समाधान-
विवाह के समय या पहले जो भी वायदे किए जाते हैं उन का कोई अर्थ नहीं होता। न ही उन को मनवाया जा सकता है। विवाह के उपरान्त किसी भी स्त्री का आत्मनिर्भर होना ही उस के अच्छे भविष्य की गारंटी हो सकता है, उस के अलावा कोई चीज नहीं। यदि स्त्री आत्मनिर्भर नहीं है तो पति के ऊपर ही सब कुछ निर्भर है, वह अच्छा हुआ तो पत्नी का जीवन जन्नत है वरना दोजख तो है ही। स्थिति यह हो चुकी है कि आप की बहिन अपने पति के साथ नहीं रह सकती। पति उस के साथ क्रूरता का व्यवहार करता है, यह उस के साथ न रहने का सब से मजबूत आधार है। आप बहिन को अपने पास ले आए यह आप ने बहुत अच्छा किया।
आप की बहिन अपने लिए और अपने पुत्र के लिए भरण पोषण का खर्च मांग सकती है। जिस में रहने का मकान की व्यवस्था और बच्चे की पढ़ाई आदि भी सम्मिलित है। इस के लिए आप की बहिन दिल्ली में या नोएडा में जहाँ वह रहती है न्यायालय में धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत और घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। आप यह करवाएँ। इस के अतिरिक्त यदि हो सके तो प्रयत्न करें कि आप की बहिन स्वयं अपने पैरों पर खड़ी हो जाए।
बेहतर सलाह दी है अपने. लड़की को अपने पेरो पैर खड़े हो जाना चाहिए
गुरुदेव जी, उपरोक्त समस्या पिछले महीने की छह तारीख (अगस्त) को छप चुकी है. जिसका शीर्षक और लिंक (आप की बहिन अपने व अपने बेटे के लिए गुजारा भत्ता प्राप्त करने हेतु दिल्ली के न्यायालय में आवेदन कर सकती है https://teesarakhamba.com/2013/08/%E0%A4%86%E0%A4%AA-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B5-%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A5%87/) है.
रमेश कुमार निर्भीक का पिछला आलेख है:–.पुलिस व्यवस्था में सुधार की दरकार