कोई अपनी पत्नी को उस की इच्छा के विरुद्ध रहने को बाध्य नहीं कर सकता।
|समस्या-
छत्तीसगढ़ से बिजय कुमार ने पूछा है-
मेरी बहिन की शादी 11.03.2011 को हुई थी। शादी के 6 माह बाद पता चला कि लड़का काम पर आज तक नहीं जाता है और अगर मेरी बहिन सिलाई क्लास जाती है तो उसे भी काम पर नहीं जाने देता है। जिस के कारण घर का खर्चा चल नहीं पा रहा है। सिस्टर को मम्मी पापा से, भाई, बहिन से मिलने नहीं जाने देता है। जीजा धमकी देता है कि अगर तुम घर से बाहर निकलोगी तो मैं अपना एक्सिडेंट करवा कर तुम्हें और तुम्हारे परिवार को झूठे इल्ज़ाम मे फसा दूंगा। जीजा थोड़ा हाफ मेंटल लगता है। बहिन के साथ बहुत ही बुरा व्यहारा किया जाता है। अब मेरी बहिन माँ और पापा के पास जाना चाहती है। वापस फिर कभी नहीं आना चाहती है। क्या करें? हमारा आर्थिक हालत अच्छी नहीं है कि हम कोर्ट जाकर मुक़दमा लड़ें।
समाधान-
आप की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो भी कोई बात नहीं है। आप की बहिन जब चाहे अपने पति को छोड़ कर अपने माता पिता के घर आ सकती है। यदि संभव हो तो वह अपने ससुराल के थाने में यह रिपोर्ट दर्ज करवा कर आए कि वह अपने पति के परेशान करने और घर खर्च नहीं देने के कारण तंग आ कर अपने मायके जा रही है और अपने खुद के सामान के अतिरिक्त कुछ नहीं ले जा रही है।
आप के जीजा की जो स्थिति आप ने बताई है वह बिलकुल सही है तो ऐसे व्यक्ति के साथ किसी भी स्त्री का जीवन बिता सकना दुष्कर है। कोई भी व्यक्ति अपनी पत्नी को जबरन अपने पास रोक कर नहीं रख सकता।
यदि आप का जीजा पुलिस की कोई कार्यवाही करता है तो आप की बहिन बयान दे सकती है कि उस की हालत उस के पति ने खराब कर दी है इस कारण वह उस के साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती है। यदि उस का पति चाहे तो उस से तलाक ले सकता है। यदि कोई अदालती कार्यवाही आप की बहिन के विरुद्ध होती है तो आप की बहिन अदालत को कह सकती है कि उस के पास मुकदमा लड़ने के लिए पैसा नहीं है। इस कारण उसे सरकारी खर्च पर वकील दिलाया जाए और अदालत आने जाने तथा अदालत का अन्य खर्च उस के पति से दिलाया जाए। आप की बहिन चाहे तो अपने भरण पोषण की मांग भी कर सकती है। यदि उस का पति किसी भी प्रकार का मुकदमा करता है तो उसी मुकदमे में वह यह आवेदन दे सकती है कि उसे उस के पति से अदालत का खर्च, आने जाने का खर्च और भरण पोषण दिलाया जाए।