क्या कृषि भूमि की किराएदारी के लिए कलेक्टर की अनुमति जरूरी है?
| देवेन्द्र जैसवाल ने पूछा है – – –
मैं ने खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से ऋण स्वीकृत कराया है। इस में जिस स्थान पर उद्योग संचालित होगा वह एक आदिवासी से किराए पर ली है तथा किरायानामा लिखवा कर उसे नोटेरी से तस्दीक कराया गया है। अब ऋण देने वाला स्टेट बैंक कहता है कि नोटेरी से तस्दीक शुदा किरायानामा नहीं चलेगा, कलेक्टर की अनुमति चाहिए जब कि जिस की जमीन है उसी ने किराए पर दी है, वह विक्रय नहीं कर रहा है। तो क्या किराएनामे पर कलेक्टर साहब की अनुमति लेना आवश्यक है? और क्या कलेक्टर साहब अनुमति दे देंगे?
उत्तर – – –
जैसवाल जी,
आप का प्रश्न बहुत अधूरा है। आप ने यह नहीं बताया है कि आप किस तरह का उद्योग चलाना चाहते हैं और जिस जमीन को किराए पर लिया गया है वह किस किस्म की है? लेकिन हमारा अनुमान है कि जिस भूमि को आपने किराए पर लिया है वह कृषि भूमि है और आदिवासी की कृषि भूमि के संबंध में ऐसे कानून हैं कि उसे किसी गैर आदिवासी को विक्रय नहीं किया जा सकता है।
वास्तव में जब हम कृषि भूमि के विक्रय की बात करते हैं तो यह समझा जाता है कि हम उस के मालिक हैं और हम उसे किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय कर दिया है। कभी भी कोई कृषक किसी भूमि का मालिक नहीं होता और समस्त कृषि भूमि पर राज्य का स्वामित्व होता है, कृषक को उस पर केवल खेती करने का अधिकार होता है। इस अधिकार के बदले कृषक राज्य को लगान देता है। अब जिस भूमि पर आप कृषि कर रहे हैं उसे कृषि कार्य के लिए तो आप बटाई आदि पर दे सकते हैं लेकिन यदि उसी भूमि को खेती के अलावा किसी अन्य कार्य के लिए किराए पर दिया जाता है तो निश्चित रूप से उस भूमि के मालिक की अनुमति की आवश्यकता होगी। क्यों कि आप मूल स्वामी की अनुमति के बिना कृषि उपयोग के लिए दी गई भूमि का अन्य उपयोग नहीं कर सकते। ऐसी स्थिति में किरायानामा तभी वैध माना जाएगा जब कि उस के साथ अन्य उपयोग के लिए मूल स्वामी की अनुमति प्राप्त हो।
कलेक्टर राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उस भूमि का अन्य कार्य के लिए उपयोग करने की अनुमति प्रदान करने में सक्षम है और उस के लिए नियम बने हुए हैं। आप इन नियमों की जानकारी कलेक्टर कार्यालय में जा कर कर सकते हैं। आप को चाहिए कि आप उक्त भूमि पर खादी ग्रामोद्योग संबंधी कार्य करने की अनुमति प्राप्त करने का आवेदन प्रस्तुत करें और उस के साथ किराएनामे की प्रति संलग्न करें। यदि खादी ग्रामोद्योग संबंधी कार्यो के लिए कृषि भू्मि के उपयोग की अनुमति देना क
ानून के अनुसार होगा तो कलेक्टर से आप को अनुमति प्राप्त हो जाएगी। इस संबंध में खादी ग्रामोद्योग वाले और बैंक अधिकारी आप की मदद कर सकते हैं। आप उन से परामर्श ले कर कार्य करें।
ानून के अनुसार होगा तो कलेक्टर से आप को अनुमति प्राप्त हो जाएगी। इस संबंध में खादी ग्रामोद्योग वाले और बैंक अधिकारी आप की मदद कर सकते हैं। आप उन से परामर्श ले कर कार्य करें।
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3 Comments
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कृषक खेती की जमीन का मालिक नहीं होता है फिर भी वो जमीन बेचा कर पैसा कमा सकता है |शायद क़ानून की नजर में वो विक्रय नहीं है केवल खेती करने का अधिकार का बेचान है ?
ये एक नयी जानकारी हासिल हुई
धन्यवाद द्विवेदी जी