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क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत करें.

divorceसमस्या-

समीर गुप्ता ने रायपुर, छत्तीसगढ़ से पूछा है-

मेराविवाह 02-03-2008 को हुआ था। शादी के बाद मेरी पत्नी केवल पंद्रह दिन हीमेरे साथ थी, और शुरु से ही योन संबंध बनाने के लिये आनाकानी करती थी कारणपुछने पर कहती थी कि “मैं धार्मिक स्वभाव की हूं, यह सब अच्छा नहीं लगता, मैतो साध्वी बनना चाहती थी”।इसके बाद मेरी पत्नी मायके चली गई और दो महिनेबाद वह मेरे साथ रहने आई तो गर्भवती होने की जानकारी मिलने पर वह फिर सेमायके चली गई। मायके में ही उसने एक पुत्री को जन्म दिया और लगातार एक सालतक मायके मे रहने के बाद एक महिने के लिये ही मेरे साथ रही। उस के बाद से वह मायकेमें ही रहकर क्रमशः B.Ed., M.Sc. एवं PGDCA की नियमित पढ़ाई कर रही है।पढ़ाई के बाद उसका इरादा मायके में रहकर नौकरी करने का है| इस बीच वह सालमें एक बार केवल एक या दो हफ्ते के लिये मेरी पुत्री को मायके में छोड़कर मेरेसाथ रहने आ जाती है। परंतु दाम्पत्य संबंध बनाने में आनाकानी करती है। इसबारे में जब भी मैं ससुराल वालों से बात करता हूं वो लोग मेरे साथदुर्व्यवहार करते हैं और जिंदगी भर तुमको ऐसे ही रखेंगे कहते हैं। तलाकके लिये कहने पर मुझे व मेरे परिवार वालों को झूठा आरोप लगाकर दहेजउत्पीड़न अपराध 498(A) में फंसाने की धमकी देते हैं। वह मुझे तलाक भी नहींदेना चाहती और अपनी मां को भी छोड़ना नहीं चाहती। साल में केवल एक-दो हफ्ते हीमेरे साथ रहती है। मैं केन्द्रीय शासन के सार्वजनिक उपक्रम मे उच्चअधिकारी के पद पर हूं, अतः मेरी नौकरी में गलत प्रभाव ना पड़े एवं लोकलाज केभय से मैं अभी तक चुप हूं, मुझे तालाक कैसे मिल सकता है?कृपया विस्तृतमार्गदर्शन करें।

समाधान-

प अपनी पत्नी से विवाह विच्छेद चाहते हैं। जिन परिस्थितियों का आप ने उल्लेख किया है उन में आप का इस के लिए सोचना गलत भी नहीं लगता। किसी भी हिन्दू विवाह का विच्छेद केवल हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 में वर्णित आधारों पर ही हो सकता है। आप को स्वयं देखना होगा कि उन में क्या क्या आधार आप को उपलब्ध हैं। इस के अतिरिक्त धारा-13 बी के अन्तर्गता सहमति से विवाह विच्छेद हो सकता है, पर इस के लिए आप की पत्नी और उस के परिवार के लोग तैयार नहीं हैं। वैसी अवस्था में आप को खुद ही विवाह विच्छेद के लिए आवेदन करना होगा।

प ने जो परिस्थितियाँ बताई हैं उन में आप के साथ लगातार न रहना और यौन संबंध स्थापित करने के लिए इन्कार करना क्रूरता है। यदि आप यह साबित कर सके कि आप की पत्नी वर्ष में केवल एक सप्ताह के लिए आप के साथ रहती है उस में भी वह यौन संबंध से इन्कार करती है तो आप क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकते हैं।

स के अतिरिक्त यदि आप की पत्नी एक वर्ष से अधिक समय से आप को अपने से अलग रखती है तो आप इस आधार पर भी विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकती है। वर्ष में एक सप्ताह के लिए आप के साथ आ कर रहने का कारण भी यही हो सकता है कि वह एक वर्ष का अलगाव पूरा नहीं होने देना चाहती है। इस कारण से आप को क्रूरता के आधार पर ही विवाह विच्छेद के लिए आवेदन करना होगा।

त्नी और उस के मायके के लोग आप को धमकी देते हैं कि आप ने कोई कार्यवाही की तो वह धारा 498-ए और 106 आईपीसी में आप के विरुद्ध कार्यवाही करेगी। इस धमकी से डर कर अपना जीवन खराब करना कतई उचित नहीं है। आप इन धमकियों के तथ्य को अच्छी तरह अपने आवेदन में अंकित करते हुए न्यायालय में प्रस्तुत करते हैं। इस आवेदन की न्यायालय से भेजी गई सूचना मिलने पर यदि आप की पत्नी कोई कार्यवाही करती भी है तो उस में आप स्पष्ट रूप से अपनी प्रतिरक्षा कर सकते हैं कि यह पहले धमकी देती थी और अब विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत करने के कारण ही उस ने मिथ्या अभियोजन चलाया है। यदि फिर भी आप के विरुद्ध कोई अपराधिक प्रकरण संस्थित हो जाए तो आप अपनी अग्रिम जमानत कराएँ और मुकदमे का सामना करें।