गिरफ्तार कर लिए जाने पर जमानत अदालत से ही होगी।
|समस्या-
संदीप ने सतना, मध्यप्रदेश से पूछा है-
मेरे भाई को पुलिस ने चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया है आपसी रंजिश की वजह से। दो और लड़कों को गिरफ्तार किया है लेकिन वे बोलते हैं कि इसी ने चोरी की है। मैं अपने भाई को छुड़ाने के लिए क्या कर सकता हूँ। पुलिस मेरे भाई को कितने दिन में अदालत में पेश करेगी? भाई को बरी करवाने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा?
समाधान-
किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद 24 घंटों की अवधि में मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना आवश्यक है। यदि गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ की और बरामदगी आदि की जरूरत हो तो मजिस्ट्रेट पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ा सकती है। यदि इन दोनों की जरूरत समाप्त हो चुकी हो तो मजिस्ट्रेट उसे न्यायिक हिरासत में ले कर जेल भिजवा देता है। जब तक न्यायिक हिरासत में गिरफ्तार व्यक्ति न आ जाए तब तक उस की जमानत की अर्जी पर कोई विचार नहीं किया जा सकता।
आप को पता करना चाहिए कि आप के भाई को गिरफ्तार भी किया है या नहीं? या फिर केवल पूछताछ के लिए थाने में बिठा रखा है? गिरफ्तार कर लिए जाने पर तो जमानत अदालत से ही होगी।
यदि पुलिस स्पष्ट जवाब नहीं देती है तो संबंधित मजिस्ट्रेट के यहाँ आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है और मजिस्ट्रेट पुलिस से रिपोर्ट मंगा सकता है।
आप को अपने तईँ यह भी पता करना चाहिए कि वाकई में आप के भाई की चोरी की वारदात में कोई भूमिका तो नहीं है?
फिर भी आप को किसी स्थानीय फौजदारी मामलों के वकील की मदद प्राप्त करनी चाहिए। वह आप के भाई की जमानत करवा सकता है। एक बार जमानत पर छूट जाने पर आप का भाई स्वयं अपने मामले को देख सकता है।