जाति विवाह व दत्तक ग्रहण से नहीं जाति द्वारा त्याग व ग्रहण से बदलती है …
राहुल ने कोरबा, छत्तीसगढ़ से समस्या भेजी है कि-
मैं एक विद्यार्थी हूँ और जानना चाहता हूँ कि यदि कोई अपनी जाति से दूसरी जाति में विवाह करे और दोनों की जातियाँ ओबीसी श्रेणी की हों तो लड़का या लड़की कोई एक अपनी जाति में परिवर्तन कर सकता है क्या?
समाधान-
कानूनी रूप से जाति परिवर्तन की समस्या तब उपस्थित होती है जब कि विवाहित युगल में से कोई एक किसी दूसरी श्रेणी की जाति का हो। क्यों कि सारी समस्या आरक्षण की सुविधा से उत्पन्न होती है। इस तरह के मामलों में न्यायालयों के निर्णयों में यह माना गया है कि केवल विवाह कर लेने से या किसी को गोद ले लेने मात्र से किसी व्यक्ति की जाति नहीं बदल जाती है।
जाति एक सामुदायिक मामला है। यदि कोई किसी दूसरी जाति में विवाह करता है या करती है तो सामान्य रूप से दोनों ही जाति समुदाय उस युगल को त्याग देते हैं। यह भी होता है कि दोनों में से कोई एक जाति उस युगल को अपना लेती है। तब यह माना जा सकता है कि जिस जातीय समुदाय ने उस युगल को अपनी जाति में ग्रहण कर लिया है। वैसी स्थिति में एक व्यक्ति तो उसी जाति का होता है दूसरा व्यक्ति जो दूसरे जातीय समुदाय से आता है या आती है तो उस का जाति परिवर्तन हो जाता है। इस तरह वह बदली हुई जाति का प्रमाण पत्र बनवा सकता है।
इस तरह का प्रमाण पत्र बनवाने में तब अधिक समस्या आती है जब उस से आरक्षण की श्रेणी बदल रही हो। आप के मामले में ऐसी समस्या नहीं है इस कारण यदि कोई जाति बदल कर प्रमाण पत्र बनवाना चाहेगा तो इतनी परेशानी नहीं आएगी। केवल विवाह के प्रमाण प्रस्तुत करने मात्र से यह प्रमाण पत्र बन जाना चाहिए।