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दादा की संपत्ति में पौत्र का अधिकार

lawसमस्या-

सत्येन्द्र सिंह ने केरपा, बिहार से समस्या भेजी है कि-


म दो भाई हैं। मेरे माता-पिता ने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति की मेरे छोटे भाई के नाम रजिस्ट्री कर दी है और मेरे दादा की संपत्ति अपने साले के पुत्र के हाथों बेच दी है। कृपया मुझे बतायें कि यदि एक भाई को दे रहे हैं तो क्या कानूनन मुझे वंचित रखा जा सकता है? क्या दादा की प्रोपर्टी ममेरे भाई के हाथों बेचने के बाद भी उसपर दावा किया जा सकता है?, इस के लिए मुझे क्या करना होगा?


समाधान-

प के माता-पिता अपनी निजी संपत्ति जो उन्हों ने स्वयं अर्जित की है उसे विक्रय कर सकते हैं या हस्तान्तरित कर सकते हैं। उस संपत्ति में आप का कोई अधिकार निहीत नहीं है। इस तरह यदि उन्हों ने अपनी संपत्ति आप के छोटे भाई को रजिस्ट्री कर के हस्तान्तरित कर दी है तो आप को उस में आपत्ति करने का या हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

प के दादा जी की संपत्ति के बारे में आप ने यह विवरण नहीं दिया है कि दादा जी जीवित हैं या नहीं, दादा जी का देहान्त कब हुआ है? क्या दादा जी से आप के पिता या माता को उक्त संपत्ति वसीयत के माध्यम से प्राप्त हुई है या फिर उत्तराधिकार के कारण प्राप्त हुई है? दादा जी की संपत्ति स्वयं दादा जी के पास कहाँ से आई थी? इन सारे प्रश्नों का उत्तर मिलने के बाद ही यह तय किया जा सकता है कि वह सम्पति पुश्तैनी संपत्ति है या नहीं है और आप का उस संपत्ति में कोई अधिकार है या नहीं है। यदि वह संपत्ति पुश्तैनी संपत्ति नहीं है तो उस में भी आप को आपत्ति करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यदि वह संपत्ति पुश्तैनी है और जन्म से ही आप को उस में अधिकार प्राप्त हो चुका है तो आप के ममेरे भाई को हस्तान्तरित कर देने के बाद भी आप उस पर आपत्ति कर सकते हैं और अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए दीवानी वाद संस्थित कर सकते हैं।

स के लिए आप को किसी स्थानीय वकील से मिल कर उक्त संपत्ति के संबंध में पूरी जानकारी देनी चाहिए जिस से वह यह निर्धारित कर सके कि ममेरे भाई को स्थानान्तरित संपत्ति पुश्तैनी है या नहीं उस पर आप को कोई अधिकार प्राप्त है या नहीं। यदि उक्त संपत्ति में आप का जन्म से कोई अधिकार हुआ तो आप दीवानी वाद संस्थित कर सकेंगे।

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